आजमगढ़ : हमले में गनर की मौत से जनपद में कोहराम

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उमेश को बचाने के लिए ढाल बने थे संदीप
आजमगढ़। चर्चित बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की शुक्रवार शाम गोली मार कर हत्या कर दी गई। उमेश को बचाने के प्रयास में दो गनर भी घायल हुए थे। जिसमें एक गनर की भी मौत हो गई। जिस गनर की मौत हुई वो आजमगढ़ जिले के अहरौला थाना क्षेत्र के बिसईपुर गांव का निवासी था। सूचना मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया। पूरा इलाका मर्माहत हो उठा। घर पर शोक संवेदना व्यक्त करने वालों का तांता लगा हुआ है। जिले के बिसईपुर गांव निवासी संदीप निषाद (28) पुलिस विभाग में कांस्टेबल थे। वर्तमान में उनकी तैनाती पुलिस लाइन प्रयागराज में थी। संदीप एक साल से विधायक राजू पाल की हत्या में गवाह रहे उमेश पाल की सुरक्षा में लगे थे। शुक्रवार को को हुए हमले में उमेश पाल की मौके पर मौत हो गई थी तो वहीं गनर संदीप निषाद ने इलाज के दौरान अस्पताल में दम तोड़ दिया।
संदीप के परिजन प्रयागराज रवाना हुए, तो सूचना उनके अस्पताल में भर्ती होने की ही थी। इसीलिए वो भगवान से उनके सकुशल होने की गुहार लगाते पहुंचे थे। जब परिजन अस्पताल पहुंचे तो संदीप का शव मिला। मां, पिता, भाई सब पर पहाड़ टूट पड़ा। संदीप एक माह पूर्व अपने घर आए थे। पत्नी रीमा की तबीयत खराब देख उसे अपने साथ प्रयागराज ले गए थे। जाते-जाते सभी को भरोसा दिया था कि इस बार होली गांव में मनेगी। किसी को क्या पता था कि ये भरोसा कभी पूरा नहीं होगा। संदीप की शादी दो साल पहले हुई थी। वो तीन भाइयों में दूसरे नंबर पर थे। बड़ा भाई प्रदीप प्रयागराज में ही सिविल सर्विसेस की तैयारी कर रहा है तो छोटा भाई दीपचंद घर पर रहता है। घटना की सूचना मिलते ही शनिवार को मृतक के घर पर शोक संवेदना व्यक्त करने वालों का तांता लगा रहा। दीपचंद ने बताया कि पिता व परिवार के अन्य लोग प्रयागराज गए हैं। वहां से शव आने पर दुर्वासा धाम पर अंतिम संस्कार किया जाएगा।

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