आजमगढ़: हम कुछ बोलने के अधिकारी नहीं..., हटाओ धरना

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पत्रकार द्वारा सवाल पूछने आपे से बाहर हुए तहसीलदार
न्याय की मांग को लेकर 10 दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे हैं बुजुर्ग दम्पत्ति
आजमगढ़। कलेक्ट्रेट आफिस के सामने स्थित मेहता पार्क में 10 दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे बुजुर्ग दम्पत्ति को हटाने के लिए बुधवार को 11 बजे दिन में दो अधिकारी लाव लश्कर के साथ पहंुचे। पूछने पर पता चला कि इसमें तहसीलदार निजामाबाद, एसडीएम अतिरिक्त प्रभार निजामाबाद हैं। जो भूख हड़ताल पर बैठे लोगों से उनकी बातों को सुनने और उस बावत क्या कार्रवाई हो रही है इसकी जानकारी देने के लिए आये हैं। बता दें कि एक दिन पूर्व भूख हड़ताल पर बैठे बुजुर्ग दम्पत्ति की हालत बिगड़ने पर उन्हें मण्डलीय जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां से आज बुधवार की सुबह वे फिर आकर भूख हड़ताल पर बैठ गये। अधिकारियों द्वारा धरनारत बुजुर्ग दम्पत्ति को समझाने की कोशिश की गयी लेकिन बुजुर्ग दम्पत्ति उनकी बातों से अपने आप को संतुष्ट नहीं पाये और धरना से उठने को तैयार नहीं हुए। इसके बाद मौके उपस्थित तहसीलदार द्वारा पीड़ित पर धरना स्थल से उठने का दबाव बनाया जाने लगा। मौके पर कोतवाली पुलिस भी पहुंच गई। इतना ही नहीं प्रशासन द्वारा धरनार्थियों को हटाने के लिए एक ई-रिक्शा भी मंगवाया गया था। इस दौरान चल रही उहापोह के बीच पत्रकार मौके पर पहुंचे। पत्रकारों को देखते ही अधिकारियों के तेवर कुछ नरम हुए। जब पत्रकारों द्वारा अधिकारियों से मौके पर की जाने वाली कार्रवाई के बारे में पूछा गया तो तहसीलदार ने कहा हम कुछ नहीं बोलेेंगे और पत्रकारों पर भड़क गये। पत्रकारों ने पीड़ितों से जाकर उनसे बात की तो यह बात सामने आई कि कुछ दिन रात में दो पुलिस वाले आये थे और धमकी भी दिये कि धरना बंद करो तो मुकदमा दर्ज कर दिया जायेगा।

बता दें कि निजामाबाद थाना क्षेत्र के बुद्धसेनपुर गांव निवासी लालचंद यादव अपनी पत्नी रमावती के साथ बीते दस दिनों से दबंग भूमाफियाओं द्वारा फर्जी तरीके से अमल दरामद कराने का आरोप लगाते हुए धरने पर बैठे थे। दंपती का धरना जिला मुख्यालय पर कलेक्ट्रेट के सामने स्थित आंबेडकर पार्क में चल रहा था।

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