आजमगढ़: धर्मपाल हत्याकांड में आरोपित सीडीपीओ ने किया सरेंडर

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02 दिसंबर 2018 को संपत्ति विवाद में गोली मारकर की गई थी हत्या
आजमगढ़। जिला जज की कोर्ट में धर्मपाल हत्याकांड में आरोपित सीडीपीओ रामजनम यादव ने सरेंडर कर दिया। यह घटना दो दिसंबर 2018 को सिधारी थाना क्षेत्र में घटित हुई थी। सिधारी थाना क्षेत्र के चकभाई खां में आयोजित गृहप्रवेश कार्यक्रम से लौटते समय प्रापर्टी डीलर धर्मपाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस घटना के समय धर्मपाल के साथ रहे प्रवेश यादव को भी गोली लगी थी। घटना के बाद परिजनों ने सिधारी थाने में आधा दर्जन लोगों के विरूद्ध मुकदमा दर्ज कराया था। इस हत्याकांड में घायल और प्रमुख गवाह प्रवेश यादव ने बताया कि इस मामले में सीडीपीओ को आरोपी बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़नी पड़ी। बताया कि धर्मपाल की हत्या में सीडीपीओ रामजनम यादव का भी नाम था और वह शामिल थे पर बाद में पुलिस ने विवेचना में नाम निकाल दिया था। इस लड़ाई को वादी द्वारा  जिला कोर्ट, हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक लड़ा गया जिसके बाद दवाब बनने पर आरोपित सीडीपीओ रामजनम यादव ने कोर्ट में सरेंडर किया है। प्रवेश यादव का कहना है कि आरोपी के विरूद्ध प्रयागराज के होलागढ़ में 27 लाख के पोषाहार घोटाले का भी आरोप है। इस मामले में आरोपी को निलंबित भी किया गया था। जिले के सिधारी थाना क्षेत्र निवासी धर्मपाल प्रापर्टी डीलिंग का कार्य करता था। धर्मपाल और ग्राम के प्रधान गोपाल यादव तथा कोटेदार सुरेंद्र यादव के बीच लंबे समय से दुश्मनी चल रही थी। गांव में गृह प्रवेश कार्यक्रम में शामिल होने के लिए रात करीब नौ बजे धर्मपाल (26) अपने गांव के ही रामप्रवेश यादव (23) के साथ पंहुचे थे। कार्यक्रम के दौरान किसी बात को लेकर वहां मौजूद ग्रामप्रधान तथा कोटेदार से धर्मपाल की कहासुनी शुरू हो गई। इसी दौरान धर्मपाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई, जबकि उसके साथ रहे रामप्रवेश गोली लगने से घायल हो गया। इस मामले में घायल रामप्रवेश के पिता देवराज यादव ने गांव के प्रधान गोपाल यादव, रामजन्म यादव, महेंद्र यादव तथा शिवजन्म यादव पुत्रगण इंद्रजीत यादव, चक बिलंदा ग्राम निवासी व कोटेदार सुरेंद्र यादव के साथ ही चक नेवाज ग्राम निवासी शैलेंद्र यादव के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

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