आजमगढ़: टूटा देवारावासियों के सब्र का बांध

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7 किलोमीटर पैदल मार्च कर की नारेबाजी
बाढ़ प्रभावित क्षेत्र को बाढ़ग्रस्त क्षेत्र घोषित करने की उठी मांग
आजमगढ़। घाघरा नदी के विकराल रूप के आगे देवारा की लाखों आबादी टापू सरीखे जीवनयापन करने को विवश है। जिला प्रशासन की दी हुई व्यवस्थाएं ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रही जिससे देवारावासियों के सब्र का बांध भी टूट चुका है। लिहाजा देवारा विकास सेवा समिति, प्रयास सामाजिक संगठन के बैनर तले जलमग्न इलाकों के ग्रामीण एकजुट हो उठे और जिला प्रशासन को अपनी वास्तविक हालत से रूबरू कराने और साहेब को नींद से जगाने के लिए चिकनहवां ढाला से कुड़ही ढाला तक लगभग 7 किलोमीटर तक पैदल मार्च करने को बाध्य हुए। इस दौरान देवारावासियों ने जमकर नारेबाजी किया और बाढ़ प्रभावित क्षेत्र को बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र घोषित करने की मांग की।
जिला प्रशासन को चेतावनी देते हुए देवारा विकास सेवा समिति के अध्यक्ष रामकेदार यादव ने कहा कि स्थानीय प्रशासन केवल बंधे की मरम्मत आदि के कार्याे की कोरमपूर्ति केवल कागजों में करता आया है। इसीलिए आज एक बांध टूट गया और सैकड़ों गांव जलमग्न है, इन गांवों के घरों में रखा राशन व खाने पीने की सामग्री पूरी तरह नष्ट हो चुकी हैं, हजारों लोगों के समक्ष जीने खाने का संकट खड़ा हो गया। देवारावासियों के इस दर्द को देवारा विकास समिति भलीभांति समझ रहा है और अपनी क्षमता के अनुसार भोजन आदि का प्रबंध कर रहा है लेकिन इतने व्यापक संकट के बावजूद जिला प्रशासन स्थिति की गंभीरता को नहीं समझ रहा है। डीएम द्वारा जो ट्वीट किया गया है उस पर मदद की फोटो भी लगाई गई है जो जिला प्रशासन की न होकर सामाजिक संगठनों की मदद की फोटो है। रामकेदार यादव ने कहाकि जब तक डीएम स्वयं गांव गांव जाकर स्थिति का अवलोकन नहीं करेंगे तब तक समस्या बनी रहेगी। उन्होंने जिला प्रशासन से गुजारिश किया देवारा को बाढ़ क्षेत्र घोषित करते हुए पीड़ित परिवारों के खाने-पीने, रहने आदि का समुचित प्रबंधक कराए। अन्यथा देवारावासी मुखर होने को बाध्य होंगे। अन्य वक्ताओं ने कहाकि जिले के उत्तरी क्षोर पर बसा देवाराचंल क्षेत्र कभी पानी तो कभी आग की हानि प्राकृतिक आपदाओं का दंश झेलता ही है साथ ही शासन प्रशासन के उपेक्षाओं का शिकार होता रहा है। कई दिनों से घाघरा नदी अपने उफान पर है, जिसने लगभग 132 गांव को अपनी चपेट में ले रखा है तो वहीं लगभग 90 घरों से ज्यादा घर जलमग्न हो चुके है। साथ ही बाढ़ के पानी ने किसानों की खड़ी फसल को तो नष्ट कर दिया हैं साथ ही गृहस्थी के सभी साजो सामान जल की आगोश में है। जिला प्रशासन शासन को पत्र लिखकर शीध्र ही बड़ी कार्यवाही कराए अन्यथा देवारावासी एक बड़ा आंदोलन करने को मजबूर होंगे और इसकी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी चिकनहवां ढाला से कुड़ही ढाला तक लगभग 7 किलोमीटर तक पैदल मार्च किया और बाढ़ प्रभावित क्षेत्र को बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र घोषित करने की मांग की। इस अवसर पर राकेश यादव, रामचंद्र निषाद, 
लालजीत क्रान्तिकारी, मोहित मौर्या, हरिहर यादव, पप्पू यादव, रवि यादव, प्रकाश निषाद, जवाहिर यादव, लाल बहादुर यादव, रितेश यादव, अनिल यादव, रामदुलार यादव, विकास शर्मा, पालू सहित भारी संख्या में देवरा वासी मौजूद थे।

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