आजमगढ़ : रमाकांत ने जेल से लिखा अखिलेश यादव को पत्र
By -Youth India Times
Wednesday, September 14, 2022
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जेल प्रशासन पर लगाया प्रताड़ना का आरोप राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से सदन के पटल पर प्रकरण को रखने की अपील की आजमगढ़। फूलपुर पवई विधानसभा क्षेत्र से विधायक व पूर्व सांसद सपा नेता रमाकांत यादव ने पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के नाम पत्र जारी कर जेल प्रशासन द्वारा प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। जेल में निरुद्ध सपा विधायक का यह पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। पार्टी के कई नेताओं ने भी इसको सोशल मीडिया पर शेयर किया है। रमाकांत यादव ने पत्र में जिक्र किया है कि आजमगढ़ में 24 वर्ष पूर्व एक मुकदमे में जारी एनबीडब्ल्यू के तहत उनको निरुद्ध किया गया और उसके बाद उन पर फर्जी आरोप लगाकर कई मुकदमे और दर्ज कर जेल में बंद रखा गया। उन्हें शुगर, बीपी, हार्ट जैसी गंभीर बीमारी है। ऐसी स्थिति में उन्हें एक साधारण बंदी की तक रखा गया था जबकि वह चार बार के सांसद और पांचवी बार फूलपुर पवई विधानसभा से चुनकर विधायक हैं। उन्हें एमपी एमएलए जैसी कोई सुविधा नहीं उपलब्ध कराई जा रही थी।
प्रभारी जेलर विकास कटियार से उन्होंने 7 सितंबर को अपने विधानसभा के लेटर पैड पर लिख कर एमपी एमएलए को जेल में मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी मांगी तो जेलर विकास कटियार ने व्यंग्यात्मक अंदाज में कहा कि यहां किसी एमपी एमएलए की पैड का कोई मतलब नहीं है। यहां सिर्फ सीएम और जेल प्रशासन का पैड चलता है। रही बात सुविधाओं की तो आपको एक साधारण बंदी की तरह रखा जाएगा। जो लिखना, पढ़ना हो पढ़ लीजिए। कुछ नहीं होने वाला। कहते हुए लेटर पैड को मेरे सामने फाड़ कर कूड़ेदान में डाल दिया और अगले दिन 10 सितंबर को 7.45 बजे सुबह अवगत कराया गया कि आपको मंडल कारागार आजमगढ़ से सेंट्रल जेल फतेहगढ़ स्थानांतरित किया जाता है और इसके बाद 8.30 बजे जेल प्रशासन की कबाड़ा गाड़ी से 500 किलोमीटर की लंबी यात्रा करवा कर सेंट्रल जेल फतेहगढ़ शाम को 6 बजे शिफ्ट कर दिया गया। जहां उन्हें किसी से मिलने नहीं दिया जा रहा है। रमाकांत यादव ने अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष से निवेदन किया है कि उक्त प्रकरण पर गंभीरता से विचार करते हुए सदन के पटल पर रखने का कष्ट करें, जिससे दोषी लोगों के विरुद्ध कार्रवाई हो तथा उन्हें कोई जेलर या जेल प्रशासन उनके साथ साथ किसी भी अन्य सदस्य लोकसभा या विधानसभा के साथ ऐसा कोई दुर्व्यवहार न कर सके।