UP में क्यों तेज चल रहे बिजली के स्मार्ट मीटर? यूपीपीसीएल से रिपोर्ट तलब

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लखनऊ। यूपी में बिजली के स्मार्ट मीटरों की गुणवत्ता पर एक बार फिर से सवाल खड़े हुए हैं। मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के तीन जिलों लखनऊ, बाराबंकी और बरेली में 84 स्मार्ट मीटर तेज चलते हुए पाए गए हैं। जांच में छह मीटरों के धीमी गति चलने का मामला भी संज्ञान में आया है। शिकायत मिलने पर विद्युत नियामक आयोग ने इस मामले में उ.प्र. पावर कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक से सातन में विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया है।
स्मार्ट मीटरों में गड़बड़ी की बात सामने आने पर उ.प्र. राज्य विद्युत उपभक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने उ.प्र. विद्युत नियामक आयोग में याचिका दायर की। अवगत कराया है कि 1911 स्मार्ट मीटर की जांच में 84 स्मार्ट मीटर तेज और 6 मीटर धीमी गति चलते पाए गए हैं। लिखा है कि जांच में शामिल किए गए कुल मीटरों में खराब मीटरों की संख्या 4.7 फीसदी है। ऐसे में ईईएसएल और घटिया स्मार्ट मीटर बनाने वाली कंपनियों को ब्लैक लिस्टेड करने की कार्रवाई की जाए। पावर कारपोरेशन का नियम है कि यदि दो फीसदी मीटरों में कमियां सामने आने पर कंपनी को ब्लैकलिस्टेड कर दिया जाएगा।
परिषद ने याचिका के माध्यम से फोर-जी स्मार्ट मीटर के बीआईएस फंक्शनल समस्या पर भी सवाल खड़े किए हैं। कहा है कि इस मीटर को जल्दबाजी में लगाने का फैसला उचित नहीं है। आयोग को यह भी अवगत कराया है कि स्मार्ट मीटरों की खराबी से संबंधित रिपोर्ट मध्यांचल विद्युत वितरण निगम की जांच के हवाले से है। यह रिपोर्ट निगम ने तैयार किया है। उपभोक्ताओं के हितों से जुड़े इस मामले में नियामक आयोग के चेयरमैन आरपी सिंह के निर्देश पर आयोग के सचिव संजय कुमार सिंह ने पावर कारपोरेशन के एमडी से पूरे मामले में एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है।

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