जब बाहुबली उमाकान्त यादव ने जज से कही यह बात

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उन पर ठहर गई सबकी नजर
जौनपुर। जौनपुर के शाहगंज में चार फरवरी 1995 के जीआरपी सिपाही हत्याकांड में सोमवार को मछलीशहर से बसपा के पूर्व सांसद उमाकांत यादव, उनके ड्राइबर, गनर समेत सात दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। अपर सत्र न्यायाधीश तृतीय (एमपी-एमएलए कोर्ट) शरद कुमार तिवारी ने उमाकांत यादव पर पांच लाख 26 हजार, बाकी छह दोषियों पर 46-46 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। जुर्माने की आधी रकम मृतक के आश्रितों और 50-50 हजार घायलों को देने का आदेश दिया। उधर, पूर्व सांसद के वकील कमला प्रसाद यादव ने कहा कि न्यायालय के आदेश का वह सम्मान करते हैं। लेकिन, फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेंगे।
वहीं, सजा सुनाने के ठीक पहले पूर्व सांसद उमाकांत यादव हाथ जोड़कर खड़े हो गए। इसके बाद सभी की नजर उनपर ठहर गई। लोग कुछ समझ पाते कि उमाकांत यादव ने अपने हाथ से प्रार्थनापत्र अपर सत्र न्यायाधीश तृतीय शरद कुमार कुमार त्रिपाठी को सौंपा। कहा कि जज साहब क्षमा चाहता हूं। कुछ प्रार्थना करना चाहता हूं। तीन बार एमएलए और एक बार सांसद रहा हूं। बीमारियों से पीड़ित हूं और हाईकोर्ट का अधिवक्ता भी हूं। कहा कि उन्हें जेल में सामान्य कैदियों की तरह रखा जाता है। उनकी उम्र 70 साल हो गई है। डीएम-एसपी और जेल अधीक्षक से भी कह चुके हैं, लेकिन वे कहते हैं कि जज साहब आर्डर करेंगे तो तभी बी क्लास की सुविधाएं मिल पाएंगी। इसपर अपर सत्र न्यायाधीश तृतीय ने कहा कि नियमानुसार कार्यवाही होगी। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय कोर्ट ने आरोपियों को शनिवार को ही दोषी ठहरा दिया था। सोमवार को सभी दोषियों को दीवानी न्यायालय लाया गया था। पूर्व सांसद उमाकांत यादव अपने अधिवक्ता और समर्थकों से घिरे थे। वह मामले में सलाह मशविरा कर रहे थे। दिन में तीन बजे के बाद सभी को कोर्ट ले जाया जा रहा था, तो सभी के चेहरे पर चिंता झलक रही थी। एक बुजुर्ग दोषी रो रहा था। कोर्ट की कार्यवाही शुरू हुई तो कटघरे में सभी आरोपियों के चेहरे पर सजा का डर झलक रहा था। इसके बाद अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने कहा कि आधे घंटे के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया गया है। इसके बाद उमाकांत यादव और अन्य सभी दोषी पुलिस कस्टडी में कचहरी परिसर में निकले।
इस दौरान मीडिया के सामने उमाकांत यादव मुस्कुराते हुए फोटो खिंचवाते नजर आए। हालांकि कोर्ट ने फैसला शाम 5.10 बजे सुनाया। फिर करीब घंटे भर बाद उमाकांत यादव व अन्य पुलिस कस्टडी में बाहर आए। इस दौरान शांत होकर चल रहे उमाकांत ने अपने समर्थकों का अभिवादन स्वीकार किया और कुछ इशारा करते भी दिखे।

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