भाजपा विधायकों की भी बात नहीं सुनते अधिकारी

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विधानसभा अध्यक्ष के सामने बयां किया दर्द
सपा विधायक आलमबदी ने कहा मैं भूल गया था कि मैं भी इंजीनियर हूं
लखनऊ। यूपी विधानसभा के कई विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना के सामने अधिकारियों द्वारा उनकी न सुनी जाने का दर्द बयां किया। विधानसभा अध्यक्ष ने सलाह दी कि वे अधिकारियों को अनुभव कराएं कि आप विकास कार्यों के बारे में उनसे अधिक जानकारी रखते हैं।
विधानभवन में मंगलवार को विधानसभा अध्यक्ष ने इंजीनियरिंग व मैनेजमेंट पृष्ठभूमि के विधायकों के साथ संवाद आयोजित किया गया। वरिष्ठ विधायक आलम बदी ने कहा कि 66 साल पहले इंजीनियरिंग की थी और भूल गया था कि मैं इंजीनियर हूँ लेकिन आज अध्यक्ष ने मेरी प्रतिभा को पहचाना। भाजपा विधायकों में नन्द किशोर गुर्जर ने कहा कि अधिकारियों की तरफ से प्रोटोकाल नहीं मिलता जिसके कारण कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। संजय कुमार शर्मा ने कहा कि अधिकारियों की जवाबदेही बढ़ाने की जरूरत है। अधिकारी अपने पुराने सिस्टम से बाहर नहीं आना चाहते है। अजय सिंह ने अफसरशाही को लेकर चिंता व्यक्त की और कहा कि हमें लकीर की फकीर की परंपरा को बदलना होगा।
नीरज वोरा ने कहा कि हम सब को अपने अधिकारों को जानना होगा। सपा विधायकों में सचिन यादव ने कहा कि हम सब लोग में अधिकारियों को सलाह देने की कमी है। उन्हें विधायकों से सलाह की जरूरत है। अमिताभ वाजपेई ने कहा कि अधिकारी कई बार समस्याओं को हल करने से बचते है और उनकी मंशा रहती है कि जनता विधायक को ही दोषी माने।
संवाद कार्यक्रम में टी. राम ,डॉ. सुरभि, अनिल कुमार त्रिपाठी, उमर अली, सुहेब उर्फ मन्नू अंसारी, डा0 सुरभि, मुकेश चौधरी, अनुराग सिंह, बृजेश कठेरिया, वीरेन्द्र चौधरी सहित अन्य सदस्यों ने अपने सुझाव दिए। एचबीटीयू के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने कहा कि इंजीनियरिगं एवं मैनेजमेंट स जुड़े विधायक बदलाव ला सकते हैं। अगले 20 साल बदलाव का संकेत हैं जिसके पास डेटा होगा वो राज करेगा और उतना ही पावरफुल और डिसीजन मेकिंग होगा।

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