आजमगढ़: गम-ए-हुसैन की याद में निकाला गया चौथी मोहर्रम का जुलूस

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रिपोर्ट-मोहम्मद तारिक
आजमगढ़। सरायमीर थाना क्षेत्र के ग्राम ओस्ती स्थित अज़ाखाना से ग़म- ए-इमाम हुसैन की याद में चौथी मोहर्रम का कदीम जुलूस दुल-दुल के साथ जाफर रज़ा ओस्तवी के संयोजकत्व व सैयद एहतेशाम ज़ैदी के नेतृत्व में मंगलवार को निकाला गया। जो अपने कदीमी रवायात के अनुसार अपने पुराने रास्तों से होता हुआ अपने गंतव्य पर पहुंच कर सम्पन्न हुआ। मजलिस में आये मौलाना मोहम्मद तकी नजफी जलालपुरी ने मजलिस से खिताब किया तथा इमाम हुसैन की शहादत का मार्मिक चित्रण पेश किया तो अकीदतमन्द ग़मग़ीन हो गये और उनकी सिसकियां बंध गई। इस्लाम का मतलब सलामती है इस्लाम धर्म मे ज़ुल्म ज़्यादती कत्ल व आतंक की कोई गुन्जाईश नही है। धर्म व जाति बिरादरी के नाम पर किसी को दुख देना बहुत बड़ा जुर्म है।जिहाद के नाम पर जो आतंकी घटनाएं हो रही हे व इस्लाम को बदनाम करने की कोशिश मात्र है।
उन्होंने कहा कि इस्लाम हरगिज़ हरगिज़ आतंकवाद की शिक्षा नहीं देता बल्कि आपसी प्रेम एवं सौहार्द व भाईचारा का संदेश देता है। इमाम हुसैन की शहादत व उनके छोटे छोटे बच्चों पर होने वाला ज़ुल्म पर विस्तार से चर्चा की तो वहां पर उपस्थित सभी लोगों के करूण क्रंदन से सम्पूर्ण वातावरण बोझिल हो गया । सोगवारे मातम अनजूमन सज्जादीया मुबारकपुर मोहीब्बाने हुसैन आज़मगढ़, अनजूमन जाफरीया रसुलपुर बरवा सहित स्थानीय करौली, ओहद पुर, सरायमीर, कमाल पुर, बेलहरी की अन्जुमनों ने नौहा मातम पेश कर कर्बला का पूरा विवरण पेश किया तो लोगों की आंखो से आंसू छलक पड़े।

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