आजमगढ़: कभी जमीन पर पैर नहीं रख पाती थी, आज दौड़ती है बच्ची

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मंडलीय अस्पताल के आर्थों डा. वीके श्रीवास्तव का इलाज साबित हुआ वरदान
ढाई साल बाद बच्ची को मुस्कुराता देख डॉक्टर ने कहा मुझे मेरी फीस मिल गई
आजमगढ़। मंडलीय अस्पताल के आर्थों डा. वीके श्रीवास्तव उस समय हैरान रह गए जब एक मां अपनी बच्ची के साथ पहुंची और उसने चिकित्सक को धन्यवाद दिया। पहले चिकित्सक उसे पहचान नहीं पाए लेकिन जब उसने पूरा वाकया बताया तो वह भी हतप्रभ रह गए। उन्होंने बच्ची का ऑपरेशन सफल होने पर खुशी जताई।
मऊ जनपद के दोहरीघाट निवासिनी सकीना की बेटी रोशनी जन्म से कुपोषित थी। उसके पैर टेढ़े थे। जिसके कारण रोशनी अपना पैर नहीं रख पा रही थी। माता और पिता ने हर तरह के नुस्खे बेटी को अपने पैरों पर खड़े करने के लिए आजमाए। उन्होंने मऊ जनपद के चिकित्सकों को भी दिखाया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। तब उन्हें किसी ने आजमगढ़ मंडलीय चिकित्सालय में तैनात डा. वीके श्रीवास्तव को उसे दिखाने के लिए कहा। रोशनी का परीक्षण करने के बाद डॉ. वीके श्रीवास्तव ने उसका ऑपरेशन किया। ऑपरेशन के बाद परिजनों से कहा कि वह दवा खिलाते रहे बच्ची चलने लगेगी। उन्होंने तो यहां तक कहा था कि बच्ची चलेगी ही नहीं बल्कि दौड़ेगी भी।
ढ़ाई वर्ष बाद रोशनी अपने पैरों पर चलकर उनका शुक्रिया अदा करने के लिए पहुंची। बच्ची को पहचानने के बाद डा. वीके श्रीवास्तव ने बताया कि इसके हड्डी तिरछी होकर बढ़ रही है। जिसके कारण यह अपने पैरों को रख नहीं पा रही थी। इसके दोनों पैर के घुटने के हल्का चीरा लगाकर एक प्लेट के जरिए हड्डी का बढ़ना रोक दिया था। ढ़ाई वर्ष का समय जरूर लगा लेकिन बच्ची चलने लगी। मैं दोनों को एक बारगी पहचान नहीं पाया, लेकिन उनके बताने के बाद मुझे अच्छा लगा और उसके पैर में लगे प्लेट को निकाल दिया। वह अस्पताल में भर्ती है और उसका इलाज चल रहा है। रोशनी और उसके परिजनों के चेहरे पर मुस्क राहट देख मुझे मेरी फीस मिल गई।

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