आजमगढ़: अब मदरसे से निकलेंगे आईएएस, पीसीएस और इंजीनियर

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गलतफहमी को दूर करके सरकार की इस योजना का लाभ उठायें मुसलमान-मुफ्ती अब्दुल कादिर
आजमगढ़। प्रदेश सरकार द्वारा अनुदानित मदरसा कासिम उल उलूम को अब धार्मिक शिक्षा के साथ आधुनिक शिक्षा का मंदिर बना कर मदरसा में शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्रों को धर्म शास्त्र के साथ हिंदी इंग्लिश गणित साइंस कंप्यूटर आदि विषयों की शिक्षा देकर उन्हें मुख्यधारा से जोड़कर डॉक्टर, इंजीनियर, आईएएस, पीसीएस, आईपीएस बनाया जाएगा। इस तरह अब मदरसा कासिम उल उलूम उत्तर प्रदेश का पहला इंग्लिश मीडियम मदरसा होगा। उक्त बातें मदरसा के प्रधानाचार्य मुफ्ती अब्दुल कादिर ने तालीमी बेदारी सम्मेलन के अवसर पर पत्रकारों से वार्ता करते हुए कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार विगत 6 वर्षों से मदरसों के छात्रों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए मदरसों को आधुनिकीकरण का कार्य कर रही है। इसी क्रम में सरकार ने मदरसा पोर्टल बनाकर प्रदेश के सभी अनुदानित गैर अनुदानित मदरसों के अभिलेखों को अपलोड करा कर डिजिटल कराया कराया और मदरसों में धर्म शास्त्र के साथ एनसीईआरटी पाठ्यक्रम के हिंदी इंग्लिश मैथ साइंस कंप्यूटर साइंस की पुस्तकें बढ़ाने का निर्णय लिया एवं प्रदेश के सभी 560 अनुदानित मदरसों को उत्तर प्रदेश सरकार ने लगभग 12 लाख रूपये की एनसीईआरटी की कक्षा 1 से 12 तक की पुस्तक निःशुल्क उपलब्ध कराकर मदरसों को आधुनिक बनाने के लिए ठोस कदम उठाया ताकि मदरसों में पढ़ने वाले गरीब छात्र-छात्राओं को आधुनिक शिक्षा से जोड़कर उन्हें सम्मान पूर्वक जीवन जीने का अवसर प्रदान किया जा सके। 

उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस कदम की सराहना की और कहा कि मुसलमानों को इस संबंध में फैली गलतफहमी को दूर करके सरकार की इस योजना से फायदा उठाना चाहिए। उन्होंने प्रदेश के सभी गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के संचालकों से आग्रह किया कि मदरसों में पढ़ाए जाने वाले विषयों के साथ इंग्लिश मैथ साइंस को भी शामिल कर के शिक्षारत छात्रों को हाई स्कूल इंटर की परीक्षा भी दिलाई जाए ताकि इंटर के बाद यह छात्र अपनी पसंद की शिक्षा ग्रहण कर सकें। उन्होंने यह भी कहा कि प्राइवेट मदरसा संचालकों को सरकार की इस योजना पर क्रियान्वयन के लिए जल्दी ही दारुल उलूम देवबंद जाकर वहां के कुलपति मुफ्ती अब्दुल अब्दुल कासिम साहब से मिलकर एक कार्य कार्य योजना तैयार किया जाएगा ताकि प्रदेश के सभी मदरसों में शिक्षारत छात्र छात्राएं उसे फायदा उठा सकें।
इस सम्मेलन की अध्यक्षता दारुल उलूम देवबंद के प्रबंधक मौलाना नेमतुल्लाह कासमी और संचालन मुफ्ती निजामुद्दीन कासमी चंदौली ने किया। जबकि इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में सामाजिक कार्यकर्ता तौकीर आजमी उर्फ अच्छू भाई मदरसे के मैनेजर मोहम्मद महफूज खान मुख्य वक्ता के रूप में देवबंद के मौलाना मोहम्मद राशिद तथा जमीअतुल उलमा हिंद उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष मौलाना अब्दुल रब कासमी आदि ने भी संबोधित किया।

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