आजमगढ़: डॉ रवि प्रकाश यादव ने बढ़ाया जनपद का मान

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शोध पूर्ण होने पर विश्वविद्यालय द्वारा किया गया सम्मानित
आजमगढ़। मध्य प्रदेश प्रांत के जीवा जी विश्वविद्यालय ग्वालियर से ग्रामीण विकास में विद्युतीकरण की भूमिका पर आजमगढ़ के लाल डा रवि प्रकाश यादव ने शोध कार्य पूर्ण कर आजमगढ़ का नाम रोशन किया है। इस शोध पूर्ण होने के उपरांत विश्वविद्यालय द्वारा उन्हें सम्मानित किया गया। जनपद मुख्यालय से लगभग 42 किमी दूर स्थित हरई इस्माइलपुर, पोस्ट छपरा सुल्तानपुर, सगड़ी निवासी डा रवि प्रकाश यादव पुत्र स्व. सोबिन यादव ने जूनियर माध्यमिक तक की शिक्षा श्री हनुमान जी हरिजन प्राइमरी पाठशाला, कटाई दिलशादपुर से पूरी की। इसके बाद हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की शिक्षा मऊ जनपद के भदीड स्थित राष्ट्रीय जनता इंटर कालेज से पूर्ण किया। स्नातक की शिक्षा एस.आर.सी. महाविद्यालय बस्ती खीरिया, मऊ व परास्नातक श्री गांधी जी पी.जी. कालेज मालटारी, आजमगढ़ से प्राप्त किया। इसके बाद उनकी भूगोल और समाज विज्ञान में विशेष रूचि होने के कारण रविप्रकाश यादव मध्य प्रदेश के जीवा जी विश्वविद्यालय ग्वालियर में चले गए। जहां उन्होंने ग्रामीण विकास में विद्युतीकरण की भूमिका विषयक पर शोध कार्य पूर्ण किया। उच्च कोटि का शोध पूर्ण होने पर विश्वविद्यालय द्वारा इन्हें सम्मानित किया गया। इस सम्मान से आजमगढ़ का मान राष्ट्रीय क्षितिज बढ़ाया जो गौरव है।
इस बाबत डा रवि प्रकाश यादव ने बताया कि गांव में भारत की आत्म बसती है, जब तक गांवों का विकास नहीं होगा तब तक सम्पूर्ण भारत का विकास अधूरा माना जाएगा। गांव के विकास में गांव का विद्युतीकरण होना महत्वपूर्ण घटक है। जिसके बाद ही गांव शहर की तर्ज पर विकास कर सकता है। इस विषय की गंभीरता और आवश्यकता पर हमने जो शोध कार्य किया है वह मेरे लिए बहुत मायने रखता है। डा यादव ने बताया कि सुदूर ग्रामीण विद्युतीकरण कार्यक्रम का उद्देश्य के माध्यम से ही दूर-दराज के सभी गाँव एवं बस्तियों को विद्युतीकरण के साथ-साथ सौर ऊर्जा, लघु जल-विद्युत, बायोमास, पवन-ऊर्जा, हाइब्रिड प्रणालियों आदि द्वारा विद्युतीकृत के बाद ही असल विकास के पथ पर अग्रसरित किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि आज के डिजीटल युग में एक मोबाइल को भी चार्जिंग करने के लिए विद्युत की ही आवश्यकता है, ऐसे में ग्रामीण विकास में विद्युतीकरण की भूमिका महत्वपूर्ण है। इस पर विशेष कदम कैसे उठाए जाए जिसे हमने अपने शोध में स्पष्ट किया है। डा रवि प्रकाश के शोध कार्य पूर्ण कराने में शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय मुरैना के भूगोल विभागाध्यक्ष डा बी.एस. राठौर, डा एमएस सिसोदिया, डा एके सिंह, डा विजय राठौर के निर्देशन की मुख्य भूमिका रही। उन्होंने प्राध्यापक डा राठौर सहित अपनें गुरूवर व माता-भाई आदि का आभार जताया। वहीं जैसे ही शोध कार्य होने की जानकारी इनके गांव में हुई, परिजनों को बधाई देने का क्रम जारी रहा। बताते चले कि इनके पिता लोक निर्माण विभाग में सेवारत थे वही माता गृहणी थी। श्री यादव अपने भाई-बहनों में सबसे छोटे है। बधाई देने वालों में पूर्व सांसद डा संतोष सिंह, अरविन्द जायसवाल, उमाशंकर यादव, डा धनश्याम सिंह, जर्नादन गौतम, गिरीश सिंह, अभिषेक सिंह, रामजश यादव, प्रवीण, जितेन्द्र, राधेश्याम, धर्मेन्द्र यादव, प्रभाकर चौहान, राकेश श्रीवास्तव, बृजभान यादव, ओमप्रकाश यादव, राजाराम यादव, श्रीमती फूलमती देवी, श्रीमती शारदा यादव, पिंकू, मीना, प्रमिला, लीलावती आदि शामिल रहे।

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