आजमगढ़: जयंती पर महाराणा प्रताप के संघर्ष पूर्ण जीवन पर डाला गया प्रकाश

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आजमगढ़। महाराणा प्रताप जयंती पर अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के तत्वावधान में सोमवार को शहर के सिधारी स्थित श्री मंगलम होटल में जयंती समारोह का आयोजन किया गया। जिसमे मुख्य अतिथि के रूप में बैरिया के पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह थे। कार्यक्रम का एक प्रमुख आकर्षण हल्दीघाटी की मिट्टी से भरा कलश रहा। दीप प्रज्वलन के उपरांत आगन्तुकों ने माटी से तिलक कर शूरवीर को नमन किया। मुख्य अतिथि सुरेंद्र सिंह ने राणाप्रताप के संघर्ष पूर्ण जीवन पर प्रकाश डालते हुए ख़या की उनके जीवन से हमको को शिक्षा लेने की जरूरत है।उनका पूरा जीवन अनुकरणीय व आदर्श पाठ है। गीता के सूत्रों की भी याद दिलाते हुए मुख्य अतिथि ने उस पथ पर चलने का संकल्प कराया।
विशिष्ट अतिथि सिद्धार्थ राम सिंह ने भगवान राम से लेकर महाराणा प्रताप तक की वंशावली पर प्रकाश डालते हुए लोगों को अपना इतिहास पढ़ने की अपील की। कार्यक्रम के संयोजक युवा के अतुल सिंह विशेन ने क्षत्रियों को समाज का नेतृत्व करने की अपील की तथा युवाओं को सेवा का सम्बल दिया। अध्यक्षता रमाकांत सिंह व संचालन महामंत्री जयशंकर सिंह के मार्गदर्शन में सूर्यप्रकाश सिंह ने किया। कार्यक्रम में पवन कुमार सिंह, अरविंद सिंह, प्रशांत सिंह, उत्कर्ष सिंह, चंदन सिंह, सिदार्थ सिंह, वर्षम सिंह, राणा सिंह, अशोक सिंह, धीरज सिंह, चंद्रपाल सिंह, प्रवीण सिंह, शम्भू सिंह आदि उपस्थित रहे।
इसी क्रम में महाराणा प्रताप सेना के तत्वावधान में महाराणा प्रताप की जयंती मंगलवार को होटल गरूण के सभागार में समारोह पूर्वक मनायी गयी। कार्यक्रम की अध्यक्षता लल्लन सिंह यादव व संचालन प्रदेश प्रभारी अनिल सिंह ने किया। कार्यक्रम का शुभारंभ महाराणा प्रताप की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर किया गया। इसके बाद आंगतुकों ने शूरवीर योद्धा महाराणा प्रताप के चित्र पर पुष्पाजंलि अर्पित कर उन्हें नमन किया। इस दौरान शारदा चौराहा पर महाराणा प्रताप की भव्य प्रतिमा स्थापित करने का आह्वान किया गया, जिसका सभी ने पूरजोर समर्थन किया।
महाराणा प्रताप के जीवनवृत्त पर प्रकाश डालते हुए बतौर मुख्य अतिथि वरिष्ठ अधिवक्ता शत्रुध्न सिंह ने कहा कि भारत के वीर पुत्र महाराणा प्रताप ने केवल एक जाति की नहीं बल्कि पूरे समाज के स्वाभिमान की लड़ाई लड़ने का काम किया। उन्हें नैतिक मूल्य स्थापना एवं स्वाभिमान की रक्षा के लिए सदैव याद किया जायेगा। सेना प्रमुख बिजेन्द्र सिंह ने कहा कि आज के ही दिन इनका जन्म मेवाड़ के कुंभलगढ़ में सिसोदिया वंश में हुआ था। उन्होंने अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए संघर्ष करके हुए अपने प्राण त्याग दिए थे।
सरकार ने मांग करते हुए संरक्षक हरिवंश सिंह ने कहाकि क्षत्रिय विरोधी सरकारों ने वैभवशाली इतिहास को समाप्त करने की नियति से क्षत्रियों के पूर्वजों की जीवनी एवं वीरगाथा को पाठ्यक्रमों से निकालने का घृणित कार्य किया। बल्कि इन महापुरूषों को पुनः पाठ्यक्रमों में शामिल किया जाए ताकि आने वाली पीढ़ियां अपने महापुरूषों के सीख लेकर उन्हें आत्मसात करें। इस दौरान सभी आंगतुकों को महाराणा प्रताप का चित्र देकर सम्मानित किया गया। समारोह में महेन्द्र सिंह, आजाद, शिवगोविन्द, जयसिंह, चन्द्रजीत सिंह, आनंद सिंह, सुरेन्द्र यादव, वीरभद्र प्रताप सिंह, डा अवनीश, डा ईश्वर चन्द्र त्रिपाठी, अच्युतानंद त्रिपाठी, अमलेश सिंह आदि मौजूद रहे।
इसी क्रम में रैदोपुर तिराहे पर सारथी सेवा संस्थान की टीम ने वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर माल्यार्पण व पुष्प अर्पित कर महाराणा प्रताप को याद किया। इस अवसर पर संस्था के सचिव विनीत सिंह रिशु, ऋषभ पांडे, अश्वनी सिंह, ऋषभ पांडेय, सूरज सिंह, आकाश मिश्रा, गोलू, निखिल सिंह, आलोक आदि लोग उपस्थित रहे।
इसी क्रम में महाराणा प्रताप जयंती के मौके पर पर स्वावलंबी कलाकार सेवा समिति आजमगढ़ द्वारा रैदोपुर तिराहा पर स्थित महाराणा प्रताप, भगत सिंह एवं छत्रपति शिवाजी त्रिमूर्ति पार्क की साफ-सफाई की गई। इसके बाद संगठन पदाधिकारियों द्वारा तीनों विभूतियों की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं पुष्पाजंलि अर्पित कर नमन किया गया। जिसमें संस्था के प्रदेश अध्यक्ष/प्रबंधक उमेश सिंह राठौर, प्रदेश सचिव इंद्रदेव गुप्ता, प्रदेश उप प्रबंधक प्रवीण गुप्ता, प्रदेश उपाध्यक्ष जय नाथ विश्वकर्मा सहित रैदोपुर तिराहा सहित सामाजिक लोग मौजूद रहे।

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