पुलिस की दबिश के दौरान चली गोली, महिला की मौत

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बदमाश को पकड़ने गई थी पुलिस, बचाने आई मां तो लगी गोली, गंभीर हालत में छोड़ा
सिद्धार्थनगर। सिद्धार्थनगर में बदमाश को पकड़ने के लिए दबिश देने गई पुलिस द्वारा संदिग्ध परिस्थितियों में चलाई गई गोली से महिला की मौत हो गई। बेटे ने पुलिस पर मां की हत्या का आरोप लगाते हुए कहा कि बड़े भाई को पुलिस पकड़कर ले जा रही थी। मां ने विरोध किया तो उनको गोली मार दी। दूसरी तरफ सीओ ने कहा है कि पुलिस गोकशी की शिकायत पर दबिश देने गई थी। पुलिस टीम को घेरकर वहां फायरिंग और पत्थरबाजी की गई। इस दौरान महिला को गोली लगने से उसकी मौत हो गई। फायरिंग किसकी तरफ से की गई। इस बात की जांच की जा रही है। मामला सदर थाना क्षेत्र के कोडरा ग्रांट गांव के टोला इस्लामनगर का है। गांव वालों ने बताया कि शनिवार रात करीब 10 बजे पुलिस अब्दुल रहमान को पकड़ने आई थी। इसका परिवार के लोगों ने विरोध किया, पर पुलिस ने अब्दुल रहमान को पकड़ लिया। घर में 6 दिन बाद बेटी की शादी है, लेकिन पुलिस फिर भी मनमानी करती रही।
10 से 15 पुलिसकर्मी आरोपी को पकड़ने के लिए घर में घुसे। आरोप है कि महिलाओं के सामने आने पर बदसलूकी की और गोली मारकर हत्या कर दी। महिला की मौत पर पुलिस को कोई फर्क नहीं पड़ा। पुलिस टीम आरोपी को लेकर चली गई, महिला ने तड़प-तड़पकर दम तोड़ दिया।
अब्दुल रहमान के भाई अतीकुर्रहमान और मां रोशनी निर्दोष बता रहे थे, लेकिन पुलिस ने घरवालों को धक्का देकर किनारे कर दिया और अब्दुल को ले जाने लगे। इस पर मां रोशनी पीछे-पीछे भागीं और बेटे को छुड़ाने की कोशिश की। परिजनों का कहना है कि पुलिस ने गोली मारी है, ये मर्डर है।
गोली की आवाज सुनते ही दौड़े ग्रामीण
गोली की आवाज सुनकर गांव के लोग जो दूर खड़े पुलिस की पुलिस की कार्रवाई देख रहे थे, वह दौड़ पड़े। परिजन भी भागे। रोशनी जमीन पर पड़ी तड़प रही थी, लेकिन पुलिस पास तक नहीं आई। भाई अतीकुर्रहमान का कहना है कि पुलिस भाई अब्दुल को लेकर चली गई।
अतीकुर्रहमान और गांव के लोग रोशनी को लेकर अस्पताल गए। लेकिन तब तक सांसें थम चुकी थी। पुलिस की गोली लगने से मौत पर गांव वालों का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने जमकर हंगामा किया, इस वजह से पोस्टमॉर्टम भी नहीं हो सका।
अब्दुल के भाई अतीकुर्रहमान ने बताया कि पुलिस डायरेक्ट घर में घुस आई। एसओजी आई थी, किस वजह से आई नहीं पता। भाई घर में था, पुलिस ने उसे बुलाया। मां ने रोका और पूछा कि क्या है मेरे बेटे ने। मां को पुलिसवाले हटाने लगे। मां ने कहा, नहीं हटूंगी तो अम्मी को गोली माकर भाई को ले गए। हम लोग मुंबई में रहते थे। बहन की शादी करने आए थे। बहन की शादी 22 मई को है। हम लोग गुनहगार नहीं हैं।
बेटे को छुड़ाने के चक्कर में रोशनी की जान चली गई। उनकी बेटी राबिया की 22 मई को शादी होनी है। राबिया अम्मी को याद करके रात बिलख रही है। वह बार-बार यही कह रही है कि अम्मी मेरी शादी से पहले ही साथ छोड़कर चली गईं। शादी होते हुए भी नहीं देख पाईं। घर में खुशी का माहौल था लेकिन अब मातम पसरा हुआ है।
सीओ प्रदीप कुमार यादव ने बताया कि गोकशी को शिकायत पर सदर थाना पुलिस दबिश देने गई थी। गांव वालों ने पुलिस की टीम को घेर लिया। फायरिंग और पत्थरबाजी की गई। इस दौरान महिला को गोली लगी। जिला अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। फायरिंग किसकी तरफ से की गई, इस बात की जांच की जा रही है। परिजनों ने जो पुलिस पर आरोप लगाएं, उस पर भी जांच की जा रही है।
पुलिस ने मौके की नजाकत को भांपते हुए जिला अस्पताल और गांव में फोर्स तैनात कर दी गई है। परिजनों का आरोप है कि पुलिस की गोली से मौत हुई है। कोई अधिकारी मिलने तक नहीं आया। पुलिस पूरी तरह से आउट ऑफ कंट्रोल है।

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