आजमगढ़: 14 में से 13 विधायक सपा के फिर भी नहीं बची जमानत

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भाजपा के बागी प्रत्याशी ने फेरा अरूणकांत यादव के सपनों पर पानी, नहीं काम आई पिता की बगावत
आजमगढ़। जनपद के राजनीतिक परिणाम हमेशा शीर्ष राजनीतिक परिणाम के विपरीत ही आता है, अगर यह कहा जाय कि आजमगढ़ पर राजनीतिक तूफान का भी कोई असर नहीं पड़ता तो गलत नहीं है। पिछले 10 सालों के राजनीतिक परिणामों पर अगर नजर डाला जाय तो आजमगढ़ ने ऐतिहासिक और विपरीत संदेश दिये हैं, और अन्ततः एमएलसी चुनाव में भी जनपद में आये परिणाम ने अलग ही राजनीतिक गाथा लिख दी। मऊ-आजमगढ़ में कुल 14 विधानसभा सीटों में से 13 सीटों पर सपा ने विजय हासिल की है। इसके बावजूद एमएलसी चुनाव में सपा प्रत्याशी की जमानत जप्त होना एक नई राजनीतिक पटकथा को लिखने जैसा हो गया।
बताते चलें कि मऊ-आजमगढ़ प्राधिकार चुनाव में जहां भाजपा ने पूर्व विधायक अरूणकांत यादव को अपना प्रत्याशी घोषित किया था तो वहीं भाजपा एमएलसी के पुत्र विक्रान्त सिंह रिशु ने निर्दल प्रत्याशी के रूप में पर्चा भरकर बागी के रूप में ताल ठोंक दिया। इतना ही नहीं पिता व भाजपा एमएलसी यशवन्त सिंह द्वारा विक्रान्त सिंह रिशु के समर्थन में डोर टू डोर संपर्क किया जाने लगा। भाजपा शीर्ष नेतृत्व द्वारा इस बावत कड़ी कार्रवाई करते हुए एमएलसी यशवन्त सिंह को 6 वर्ष के लिए पार्टी से निष्कासित भी कर दिया गया। वहीं भाजपा प्रत्याशी अरूणकांत यादव के पिता रमाकान्त यादव जो वर्तमान में फूलपुर-पवई सीट से सपा के विधायक हैं। बता दें कि इस सीट पर अरूणकांत यादव भाजपा के टिकट पर 2017 में चुनाव जीतकर विधायक बने थे। सपा विधायक रमाकान्त यादव ने एमएलसी चुनाव में सपा के घोषित प्रत्याशी राकेश यादव गुड्डू और अपने बेटे अरूण यादव के मैदान में आने पर रेफ़री की भूमिका में खड़े रहने की बात कही थी ।इसी भूमिका में वे डोर टू डोर समर्थन मांगते रहे । इस तरह जनपद का यह चुनाव काफी दिलचस्प हो गया था।
विदित हो कि अभी हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में मऊ और आजमगढ़ में जिले की कुल 14 सीटों में से सपा ने 13 सीटों पर जीत हासिल की। आजमगढ़ में तो दसों सीटों पर सपा प्रत्याशी भारी मतों से चुनाव जीते हैं। फिलहाल आजमगढ़ सदर लोकसभा सीट पर उपचुनाव होना है। यहां से सपा प्रमुख अखिलेश यादव सांसद रहे जिन्होने करहल विधानसभा से चुने जाने के बाद आजमगढ़ सदर सीट से इस्तीफा दे दिया। एमएलसी चुनाव में भाजपा के बागी प्रत्याशी विक्रान्त सिंह रिशु को जहां कुल 4075 मत प्राप्त हुए, वहीं भाजपा प्रत्याशी अरूणकान्त यादव को 1262 तथा सपा प्रत्याशी राकेश यादव गुड्डू को 356 मत प्राप्त हुए हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि चुनाव परिणाम देखने से यह प्रतीत हो रहा है कि सपा ने चुनाव लड़ा ही नहीं। फिलहाल आने वाले उपचुनाव को देखते हुए जनपद का यह चुनाव समाजवादी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को रणनीतिक रूप से काफी कुछ संकेत दे रहा है। अब देखना यह है कि ऊंट किस करवट बैठता है।

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