गोली लगने से घायल दरोगा की हुई मौत

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सरकारी पिस्टल साफ करने के दौरान चली थी गोली
वाराणसी। वाराणसी के चितईपुर थाने पर तैनात दरोगा मनीष सिंह (38) ने बुधवार सुबह उपचार के दौरान ट्रामा सेंटर में दम तोड़ दिया। बीते सोमवार को खुद की सरकारी पिस्टल से गोली चलने से वो घायल हो गए थे। पुलिस के अनुसार पिस्टल साफ करने के दौरान हादसा हुआ था। दरोगा मनीष सिंह की मौत की खबर के बाद पुलिस महकमे में शोक की लहर है। कई वरिष्ठ अधिकारी बीएचयू ट्रॉमा सेंटर पहुंचे। मनीष सिंह की पत्नी एवं बच्चों समेत अन्य परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। बिहार के रोहतास जिले के परसिया गांव निवासी मनीष सिंह वर्ष 2012 में मृतक आश्रित कोटे से पुलिस विभाग में दरोगा के पद पर भर्ती हुए थे। मनीष सिंह सारनाथ क्षेत्र की शक्तिपीठ कॉलोनी में पत्नी सोनी सिंह और बेटे आयांश के साथ रहते थे। बीते सोमवार (14 मार्च) दोपहर में पति-पत्नी होली की खरीदारी करने के लिए घर से बाजार जाने वाले थे। इसी बीच अचानक मनी की सरकारी पिस्टल से फायरिंग हुई और गोली उनके जबड़े को छेदते हुए निकली थी।
पत्नी सोनी सिंह की सूचना पर पहुंचे इंस्पेक्टर सारनाथ अर्जुन सिंह ने एंबुलेंस से मनीष को मलदहिया स्थित एक निजी अस्पताल भिजवाया था। हालत गंभीर होने पर उन्हें बीएचयू ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया गया था। आठ दिन अस्पताल में जिंदगी से जंग लड़ते हुए मंगलवार सुबह सब इंस्पेक्टर मनीष सिंह की मौत हो गई। सूचना के बाद परिजनों में कोहराम मच गया। मनीष की सरकारी पिस्टल को कब्जे में लेकर सारनाथ थाने की पुलिस घटना की जांच कर रही है। मनीष चितईपुर थाने में सितंबर में तैनात हुए थे। इसके पहले वह कपसेठी और सिगरा में तैनात थे। मनीष ने 2012 में नौकरी ज्वाइन की थी। मनीष के बड़े भाई राजेंद्र सुल्तानपुर में सिपाही है और छोटा भाई मोनू आशापुर में रहकर प्राइवेट नौकरी करता है। मनीष का तीन साल का बेटा अयांश है।

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