एक हजार मृतकों को कागज में किया जिंदा, फिर 50 लाख से ज्यादा रकम की साफ

Youth India Times
By -
0


गोरखपुर। आजमगढ़ के लालबिहारी मृतक के जीवन पर आधारित फिल्म 'कागज' रिलीज के बाद लोगों को जीतेजी दस्तावेजों में मार देने की कहानी ने ध्यान खींचा था। लेकिन गोरखपुर में इससे उलट एक हजार मृतकों को जिंदा कर उनके खातों को संचालित करने का कारनामा डाक विभाग के तीन कमचारियों ने कर दिखाया है।
दरअसल प्रधान डाकघर समेत तीन शाखाओं में वर्षों से बंद पड़े सैकड़ों खातों को सक्रिय कर 50 लाख से अधिक की रकम साफ करने के मामले की जांच में अब घालमेल की परतें खुलने लगी हैं। अधिकारियों की कृपा से चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को सिस्टम मैनेजर की जिम्मेदारी मिली तो उसने वर्षों से बंद चले रहे खातों की पूरी सूची तैयार कर ली। एक-एक कर उसने एक हजार खातों को न सिर्फ सक्रिय किया बल्कि उसमें पोस्टमास्टर की आईडी से पेंशन की रकम भी भेजी।
सूत्रों के मुताबिक सिस्टम मैनेजर शैलेष के पास सभी शाखाओं के पोस्टमास्टर की आईडी व पासवर्ड भी था। उसके माध्यम से वह खातों को दूसरी शाखाओं में स्थानांतरित कर उसे सक्रिय कराता था। उसके बाद खातों में पेंशन व ब्याज की रकम भी ट्रांसफार कर देता था। सिसवा बाजार शाखा से दो खाते उसने प्रधान डाकघर में स्थानांरित कर उसे सक्रिय कराने के बाद एक पर एटीएम कार्ड भी जारी कराया।
सीनियर पोस्ट मास्टर की आईडी से दो खातों के साथ अन्य खातों में पेंशन की रकम भेजी। एक अधिकारी ने बताया कि उसने कुछ खातों से रकम दूसरे डाकघरों के खातों में स्थानांतरित कर उसे दबाव बनाकर विड्राल के माध्यम से निकाला। प्रधान डाक के पांच खातों से उसने करीब 19 लाख रुपये की निकासी की। इसमें एटीएम व विड्राल शामिल है।
यह संयोग ही था कि सीवीओ अनुभाग ने छह माह पहले कूड़ाघाट डाकघर में 10 लाख के सरकारी धन के घालमेल को पकड़ लिया अन्यथा न जाने कब तक मृतकों के नाम पर कर्मचारी पेंशन व एमआईएस खाते में फिक्स रकम पर ब्याज का उपयोग करते रहते। हालांकि मामला खुलने के बाद कर्मचारियों ने विभाग के यूसीआर खातें में 40 लाख जमा कर दिए हैं। लेकिन रकम जाम कर देने से कर्मचारियों का अपराध कम होने की बजाय और बढ़ जाता है।
एसएसपी की जांच टीम के दायर में प्रधान डाकघर सिस्टम मैनेजर के अलावा दो और कर्मचारी भी शक के घेरे में आ गए हैं। बताया जा रहा है कि इन कर्मचारियों ने ही सक्रिय किए गए खातों पर एटीएम कार्ड जारी किया था। गुरुवार को प्रधान डाकघर में यह चर्चा रही कि दो कर्मचारी और निलंबित किए गए हैं। हालांकि अफसरों ने इसकी पुष्टि नहीं की।
दहशत में ज्यादातार डाकघरों के पोस्टमास्टर
जिले ज्यादातार डाकघरों के सभी कर्मचारियो व डाकपालों की आईडी व पासवर्ड प्रधान डाकघर का सिस्टम मैनेजर चेन्नई मेल के जरिए मंगवाता था। जरूरत पड़ने पर डाकपाल उसे सॉफटवेयर की आईडी व पासवर्ड दे देते थे। तीन डाकघरों में 50 लाख से अधिक का घालमेल सामने आने व निलम्बन की कार्रवाई से ज्यादातर डाकघरों के डाकपाल व कर्मचारी दहशत में है। जानकार बताते हैं कि रोजाना शाम को शाखाओं की यूडी की जाती थी। कभी-कभार हिसाब-किताब नहीं मिलने पर डाकपाल सिस्टम मैनेजर की सहायत लेते थे। सिस्टम मैनेजर उनके आईडी पासवर्ड के माध्यम से शाखा का हिसाब किताब कर देता था।
आरोपियों पर मुकदमा दर्ज कराने की तैयारी
प्रधान डाकघर समेत तीन शाखाओं में 50 लाख से अधिक के घालमेल के आरोपी तीन कर्मचारियों के खिलाफ अधिकारी पुख्ता साक्ष्य तैयार करने में जुटे हैं। ताकि इन आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा सके। विभाग के निदेशक डाक सेवाएं बीबी शरण ने बताया कि जांच टीम पुख्ता साक्ष्य की तलाश की जा रही है। होली बाद सभी आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। इस मामले में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
गोरखपुर के प्रवर डाक अधीक्षक मनीष कुमार ने कहा, 'प्रधान डाकघर समेत तीन डाकघरों के कर्मचारियों ने बहुत से मृतकों के खातों को सक्रिय कर पेंशन व सीनियर सिटीजन मासिक आय योजना खाते से ब्याज की रकम निकाली है। मामले की जांच चल रही है। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ बताया जा सकता है।'

Post a Comment

0Comments

Post a Comment (0)