कोतवाल बन काल भैरव ने लगाया दरबार

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वाराणसी। काशी में शनिवार का दिन धार्मिक दृष्टि से अपूर्व बन गया। पहली बार काशी के कोतवाल कालभैरव ने ‘मानवीय कोतवाल’ के रूप में जनसुनवाई की। कोतवाली स्थित कालभैरव मंदिर में बाबा के इस स्वरूप के दर्शन को भक्तगण उमड़ पड़े थे।
बाबा को मानवीय मुखौटा लगाया गया। उन्हें पुलिसिया टोपी के साथ खाकी वर्दी धारण कराई गई। बाकायदा उनका नेमप्लेट लगाया गया। उनके आगे मेज रखी गई जिसपर रजिस्टर और कलम भी थी। फिर बाबा ने कोतवाल स्वरूप में जनसुनवाई की। पहली अर्जी महंत पं. शिवप्रसाद पांडेय ने लगाई। दूसरी अर्जी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से लगाई गई। तीसरी अर्जी काशी के नागरिकों की ओर से थी। तीनों ही अर्जियों में एक ही गुहार की गई कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कुदृष्टि डालने वालों को सजा दी जाए। यह कामना भी की गई कि प्रधानमंत्री की अदृश्य सुरक्षा और पुख्ता की जाए। केंद्रीय पूजा समिति काशी की ओर से शनिवार को दशाश्वमेध स्थित खिचिड़यिा बाबा के मंदिर में दरिद्रनारायण सेवा कर प्रधामंत्री की दीर्घायु की कामना की गई। दुर्गाकुंड स्थित दुर्ग विनायक मंदिर में प्रधानमंत्री की सुरक्षा और दीर्घायु के लिए विशेष पूजन हुआ। महंत पं. शिवप्रसाद पांडेय लिंगिया महाराज ने बताया कि कुछ दिनों पूर्व उन्होंने स्वप्न देखा था कि बाबा कालभैरव कोतवाल के रूप में दरबार लगाए बैठे हैं। वर्दी धारण किए हुए बाबा को स्वप्न में देखने के बाद से ही मेरी इच्छा थी कि उनका कोतवाल के रूप में शृंगार करूं। कालभैरव मंदिर में अपनी पारी आने पर मैंने बाबा का इस रूप में शृंगार किया।

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