जनतंत्र को धन तंत्र से बचाना है तो फूल प्रूफ एंटी करप्शन व्यवस्था बहुत जरूरी है - डा0 विनय

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भ्रष्टाचार मिटाओ सेना के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर भ्रष्टाचार पर ठोस कानून बनाने की मांग की
रिपोर्ट-अशोक जायसवाल
बलिया। भ्रष्टाचार मिटाओ सेना के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष, एनआरआई व पूर्व नासा वैज्ञानिक डा0 विनय सिंह ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर जनतंत्र को धनतंत्र से बचाने के लिए ठोस एंटी करप्शन व्यवस्था की स्थापना की मांग की है।
प्रधानमंत्री को भेजे गए पत्र में उन्होंने मांग की है कि सांसद से जो भी कानून भारतीय नागरिकों के सहूलियत के लिए बनता है उसे भ्रष्ट सरकारी नौकर धन उगाही का साधन बना लेते हैं। इसके कारण न देश को फायदा हो रहा है और ना ही आम आदमी को। आरोप लगाया है कि भारत की 70 फ़ीसदी आबादी पर भ्रष्टाचार के कारण प्रतिदिन कानून के रखवाले एवं पैसे वालों के तरफ से अन्याय हो रहा है। और वे लोग कानून से नहीं बल्कि अन्याय के डर से गुजर बसर कर रहे हैं। भारत की 30 फ़ीसदी आबादी प्रतिदिन अन्याय कर रही है और इस भ्रष्ट व्यवस्था को बदलना नहीं चाहती है। जनतंत्र को धन तंत्र से बचाना है तो फूल प्रूफ एंटी करप्शन व्यवस्था बहुत जरूरी है। ज्ञात हो कि भ्रष्टाचार की वजह से सरकारी स्कूलों की स्थिति बहुत ही दयनीय है और उसी में कहीं-कहीं एक कमरे में 2 सरकारी विद्यालय चल रहे हैं और उनमें पढ़ाई का स्तर बहुत ही घटिया है। यहां तक कि शिकायत पर भी कोई सुनवाई नहीं है। ऐसे विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों का भविष्य गर्त में जा रहा है जिससे यह अच्छे विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों की तुलना करने में किसी भी हालत में सक्षम नहीं है। उन्होंने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया है कि भारत सरकार प्रदेश सरकार के साथ मिलकर ऐसी व्यवस्था बनाए जिनमें देश के किसी भी बच्चे को अपनी इच्छा से विद्यालय चुनने का अधिकार हो और पढ़ाई के लिए जो भी खर्च आए उसे सरकार के द्वारा देय हो, जिससे पढ़ाई के क्षेत्र में बढ़ रहे असमानता को रोका जा सके। आरोप लगाया है कि इसी असमानता के कारण देश के 10 फीसदी आबादी की कमाई देश के निम्न स्तर के 50 फ़ीसदी आबादी के बराबर है।यही कारण है कि दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले में भारत असमानता के क्षेत्र में सबसे आगे है जिसे रोकना बहुत जरूरी है। उन्होंने पत्र में आशा व्यक्त किया है कि प्रधानमंत्री जी उनके इस पत्र को गंभीरता से लेंगे।

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