पोस्टमार्टम की रिपोर्ट ने किया अफसरों के झूठ को बेपर्दा

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जानिए बंदी की मौत की हकीकत और क्यों हुआ बवाल-आगजनी
फतेहगढ़। फतेहगढ़ जिला जेल हिंसा के मामले में अफसरों का झूठ बेपर्दा हो गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बंदी शिवम की गोली लगने से मौत की पुष्टि हुई है। वह जेल में बवाल-आगजनी के बाद घायल हुआ था। अफसरों ने दावा किया था कि जेल में गोली नहीं चली। गोली से मौत की तस्दीक से जेल अफसर ही कठघरे में आ गए हैं। शिवम के परिजनों ने जेल अफसरों पर हत्या की रिपोर्ट दर्ज करने की मांग की है। उधर, सुबह जेल पहुंचे डीजी जेल आनंद कुमार ने स्पेशल टीम से जांच की बात कही है।
देर रात बंदी शिवम के पोस्टमार्टम में उसकी कमर में गोली फंसी मिली है। हालांकि अभी कोई यह बताने को तैयार नहीं कि गोली किस बोर की है। गोली से मौत की तस्दीक के बाद भड़के परिजनों ने डिप्टी जेलर पर गोली मारने का आरोप लगाया। जेल अफसरों पर हत्या की एफआईआर के लिए हंगामा शुरू कर दिया। शिवम के पिता जितेंद्र सिंह ने कहा शिवम ने मरने से पहले कहा था कि उसे डिप्टी जेलर ने गोली मारी है। अफसरों ने किसी तरह समझाकर तड़के शिवम का शव गांव भेजा। सुबह अंतिम संस्कार के लिए रामगंगा तट पर पर पहुंचे परिजन फिर एफआईआर के बाद ही अंतिम संस्कार करने पर अड़ गए। करीब तीन घंटे बाद एफआईआर के आश्वासन पर अंतिम संस्कार हो सका। उधर, डेंगू से मरे संदीप के पिता रणवीर यादव ने भी बेटे की जेल में प्रताड़ना का आरोप लगाया। संदीप का अंतिम संस्कार कड़ी निगरानी में सोमवार सुबह हुआ।
जेल में बंदी संदीप की डेंगू से मौत हो गई थी। इससे भड़के बंदियों ने रविवार को जेल में जबरदस्त बवाल किया। आगजनी की। जेल अफसरों ने रोकने की कोशिश की तो पथराव किया, जिसमें 30 पुलिसकर्मी घायल हुए। हिंसा को दौरान घायल जैनापुर निवासी बंदी शिवम की सैफई अस्पताल पहुंचते-पहुंचते मौत हो गयी थी।
सोमवार सुबह ही आईजी, कमिश्नर, डीएम-एसपी पहुंच गए। जेल के सीसी कैमरे देखे गए। फुटेज में कई कैदी ईंट-पत्थर चलाते और कैमरे तोड़ते दिख रहे हैं। ऐसे 50 से अधिक बवालियों को दूसरी जेल में शिफ्ट करने की तैयारी है।
डीजी जेल आनंद कुमार ने बताया कि मामले की जांच स्पेशल टीम करेगी। जेल में अंदर से बाहर तक निगरानी बढ़ा दी गयी है। फिलहाल हालात सामान्य हैं।

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