आजमगढ़: दरोगा को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने का आदेश

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कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी करते हुए पुलिस अधीक्षक आजमगढ़ को दिया आदेश
आजमगढ़ । साक्ष्य प्रस्तुत करने के बाद बिना हस्ताक्षर किए ही कोर्ट से जाना दरोगा को महंगा पड़ गया। विशेष न्यायाधीश एससी-एसटी एक्ट सोनभद्र खलीकुज्ज्मा की अदालत ने साक्षी दरोगा के इस कृत्य को आपत्तिजनक मानते हुए गैर जमानती वारंट जारी किया है। आजमगढ़ के एसपी को जहानागंज थाने में तैनात दरोगा राकेश यादव को चार दिसंबर को गिरफ्तार कर कोर्ट में हाजिर कराने का आदेश दिया है।
अभियोजन के मुताबिक करमा थाना क्षेत्र में हुए वर्ष 2013 के राज्य बनाम तेजबली आदि के एससी-एसटी एक्ट के मामले में आठ नवंबर को साक्ष्य के लिए आजमगढ़ से दरोगा राकेश यादव को कोर्ट में बुलाया गया था। दरोगा का साक्ष्य कोर्ट में लिखा गया लेकिन साक्षी दरोगा राकेश यादव कोर्ट को जानकारी दिए बिना बगैर हस्ताक्षर किए ही चले गए। कोर्ट ने करमा थाने के पैरोकार के जरिये साक्षी दरोगा के मोबाइल पर कॉल कराया लेकिन दरोगा वापस नहीं आये। कोर्ट ने इसे आपत्तिजनक मानते हुए कहा कि इस साक्ष्य का अब कोई आऔचित्य नहीं है, क्योंकि हस्ताक्षर नहीं बनाया गया है। इतना ही नहीं साक्षी दरोगा के कृत्य की वजह से न्यायालय का समय भी बर्बाद हुआ है। इसे गंभीर अपराध मानते हुए कोर्ट ने साक्षी दरोगा के विरुद्ध गैर जमानती वारंट जारी किया है। इतना ही नहीं आजमगढ़ एसपी को तामिला करवाकर साक्षी दरोगा राकेश यादव को गिरफ्तार कर आगामी चार दिसंबर को न्यायालय के समक्ष पेश करने का आदेश दिया है।

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