आजमगढ़: सरदार पटेल के साहसिक योगदान को भुला नहीं सकता देश-विक्रम

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लौह पुरुष सरदार पटेल की रानी की सराय में मनाई गई जयंती
रिपोर्ट-धीरेन्द्र सिंह
आजमगढ़। लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की 146वीं जयंती रविवार को रानी की सराय स्थित पटेल नगर में धूमधाम से मनाया गया।
मुख्य अतिथि विक्रम सिंह पटेल ने कहा कि आज पूरा देश राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में सरदार पटेल को याद कर रहा है। भारत संघ में देसी रियासतों को एकीकृत करने में सरदार पटेल के साहसिक प्रयासों को देश कभी भुला नहीं सकता। उनके योगदान को हमेशा याद किया जाता रहेगा। केंद्र सरकार ने भारत के आधुनिक शिल्पकार सरदार पटेल के कद को बढ़ाया और नर्मदा नदी पर 182 मीटर ऊंची प्रतिमा बनाकर देश को समर्पित किया। जो आज पूरे विश्व के लिए पर्यटन का केंद्र है। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल का जीवन हमें यह बताता है कि कैसे एक व्यक्ति अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति, उत्कृष्ट राजनीति, कूटनीति, अदम्य राष्ट्रप्रेम व चातुर्य से देश के भीतर की सभी विविधताओं को बदलकर एक विशाल अखण्ड राष्ट्र का स्वरूप दे सकता है। कार्यक्रम में एडवोकेट जय जयराम प्रजापति, रामनारायन वर्मा, बृजराज सिंह, रमाकांत पटेल, रामप्रसाद सिंह, रमेश पटेल, हरिहर सिंह ने अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम संयोजक रामचरन पटेल, रामदास पटेल व पंकज पटेल ने गीत के माध्यम से अपनी बात रखी। अध्यक्षता देवदत्त सिंह व संचालन राहुल पटेल ने किया।

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