ट्रेनिंग से लेकर तैनाती तक हुआ शारीरिक शोषण

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पूर्व महिला सिपाही का सनसनीखेज आरोप
आगरा। छत्तीसगढ़ में महिला सुरक्षा का संकल्प लेकर खाकी वर्दी पहनने वाली युवती ने विभागीय अफसरों पर मानसिक और शारीरिक शोषण के आरोप लगाए हैं। शिकायतें वापस लेने को सरेआम अपमान, सड़क पर गिरा-गिराकर पीटने के बाद हत्या की आशंका होने पर नौकरी छोड़कर वृंदावन की राह पकड़ ली। यहां पोशाक बेचकर समय काट रही पूर्व सिपाही ने कहा कि रुपये जुटा लूं, फिर शोषण के खिलाफ कोर्ट तक लड़ूंगी।
परिक्रमा मार्ग स्थित एक कालोनी में रह रही पूर्व सिपाही ने आपबीती सुनाई। बताया कि वर्ष 2007 में उसने पुलिस की नौकरी ज्वाइन की। 2008-09 में माना ट्रेनिंग सेंटर पहुंची। मेरे मोबाइल में ट्रेनर ने ब्लू फिल्म फारवर्ड कर दी और उसी तरह कुछ करने को दबाव बनाने लगा। इसकी शिकायत करने पर तत्कालीन अधिकारी उससे नाराज हो गए। कोई सुनवाई न होने पर उसने कोर्ट तक मामला ले जाने की ठानी मगर, इसके लिए रुपयों की जरूरत थी। सो, शांत रहकर नौकरी करती रही। वर्ष 2016 में दो साथी पुलिसकर्मियों ने उसके साथ छेड़छाड़ की। इसकी शिकायत एसपी से की, तो सवाल किया कि कोई सुबूत है? ये मामला भी दबा दिया गया। वर्ष 2016 में मेरी शादी हुई। कोयले की खान में नौकरी करने वाले पति को जब रुपयों की जरूरत होती, तभी वो मुझे बुलाता। इसलिए मैंने विभाग से एक आवास आवंटन का अनुरोध किया लेकिन नहीं दिया। इसके बाद षड्यंत्र के तहत मेरी तैनाती सीआइडी में कर दी गई। एक आला अफसर ने यहां एक एएसआइ को मेरे पीछे लगा दिया। एएसआइ ने धोखे से मेरी अश्लील वीडियो बना लीं। इन वीडियो के जरिए वो सभी शिकायतें वापस लेने का दबाव बनाने लगा। उसने मेरा शारीरिक उत्पीडन भी किया। बकौल पूर्व सिपाही, पिछले वर्ष दिसंबर का वाकया है। एएसआइ ने अपने साथियों की मदद से मुझे सड़क पर सरेआम गिरा-गिराकर पीटा। मुझे लगा कि मेरी हत्या हो सकती है। इसके बाद नौकरी से त्यागपत्र दे दिया। 20 दिसंबर को वृंदावन आ गई। मां द्वारा रायपुर में एक महीने पहले गुमशुदगी दर्ज कराने के सवाल पर पूर्व सिपाही ने कहा कि उसने कभी मुझे बेटी नहीं माना। पिता से तलाक ले लिया था। स्वास्थ्य विभाग से रिटायर होने के बाद वो सभी से भतीजी बताकर मेरा परिचय कराती थी। महिला का आरोप था कि पुलिस के एक बड़े अफसर के इशारे पर गुमशुदगी दर्ज करवाई है। वो मुझे रायपुर बुलाना चाहती थी, मगर मैं नहीं गई। पूर्व सिपाही ने कहा कि वो हार नहीं मानेगी। रुपये जुटा लूं, इसके बाद सर्वोच्च न्यायालय तक लड़ूंगी। छत्तीसगढ़ के रायपुर से दिसंबर में लापता महिला सिपाही की मां ने वहां गुमशुदगी दर्ज कराई थी। दो दिन पहले छत्तीसगढ़ पुलिस ने उसे यहां खोज लिया। वो साथ ले जाना चाहती थी लेकिन, पूर्व सिपाही ने मना कर दिया।

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