जेई व अन्य कर्मियों को एसडीएम ने कमरे में बंद कर पीटा

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बलरामपुर। तुलसीपुर (बलरामपुर) विद्युत उपखंड तुलसीपुर के जेई संतोष मौर्या ने स्थानीय एसडीएम पर स्वयं सहित अन्य कर्मियों को कमरे में बंद कर मारने-पीटने व अभद्रता करने का आरोप लगाया है। जेई ने विभागीय अधिकारियों के साथ तुलसीपुर थाने में एसडीएम व उनके साथियों के खिलाफ तहरीर देकर न्याय की गुहार लगाई है।
थाने में दी गई तहरीर में विद्युत उपकेंद्र तुलसीपुर के जेई संतोष कुमार मौर्य ने कहा कि संविदा कर्मियों की हड़ताल के कारण मंगलवार शाम पुरानी बाजार फीडर में तकनीकी खराबी के कारण विद्युत आपूर्ति बाधित हो गई। मैंने परमानेंट लाइनमैंन राम आशीष को शट डाउन लेकर खराबी दूर करने का निर्देश दिया। इसी बीच सूचना मिली कि वैरागीपुरवा से थाना मोड़ के बीच तार टूट गया है। कर्मी तार की मरम्मत के लिए पहुंचे तो वहां कुछ लोगों ने विरोध किया। मैंने मामले की सूचना एसडीओ तुलसीपुर को दी। मौके पर पहुंचे पुलिसकर्मी भी काम शुरु नहीं करा सके।
एसडीओ ने मौके पर मौजूद कर्मी संपत श्रीवास्तव को निर्देश दिया कि खराब लाइन खोलकर तहसील की लाइन बहाल कर दी जाए। इसी बीच करीब सवा आठ बजे मौके पर एसडीएम तुलसीपुर विनोद सिंह पहुंच गए और संपत श्रीवास्तव के साथ अभद्रता करते हुए विद्युत उपकेंद्र की ओर चले गए। मैं उपकेंद्र पर पहुंचा तो एसडीएम ने मुझे कमरे में बंद कर मारा पीटा और गाली गालौज करते हुए जान से मारने की धमकी देने लगे। उन्होंने विभाग की लॉगशीट पर गलत सूचना दर्ज कर उसे प्रमाणित करने का दबाव भी बनाने लगे। मैंने घटना की जानकारी उच्चाधिकारियों को देना चाही तो उन्होंने धमकी दिया कि उच्चाधिकारियों को बताओगे तो फर्जी मुकदमें में फंसाकर जेल भेज दूंगा। उन्होंने उपकेंद्र कर्मी को भी कंट्रोल रूम में बंद कर मारा पीटा और गलत सूचना जबरन लॉगशीट पर दर्ज कराया। घटना का पूरा फु टेज सीसीटीवी कैमरे में कैद है।
तहरीर देते समय मौके पर एसडीओ तुलसीपुर विमलेंद्र श्रीवास्तव सहित विभाग के तमाम अधिकारी व कर्मचारी भी मौजूद थे। जेई ने प्रभारी निरीक्षक से मामले में केस दर्ज कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग की है। इस संबंध में एसडीएम तुलसीपुर विनोद सिंह का कहना है कि तहसील की बिजली बाधित थी। लिखित सूचना तथा बार-बार फोन करने के बाद भी घंटो आपूर्ति बहाल नहीं हुई। इस बीच पता चला कि उपकेंद्र के जेई व एसडीएम शाम को बलरामपुर मुख्यालय चले जाते हैं। मैं उपकेन्द्र पहुंचकर इसी बीच का निरीक्षण कर रहा था। मारपीट का आरोप निराधार व झूठा है।

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