आजमगढ़ : तबादले के लिए किया विधायक के साथ धोखा

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आजमगढ़-बलिया के तीन सहायक अभियंताओं पर मुकदमा दर्ज
बहराइच। बलिया व आज़मगढ़ जिले में तैनात तीन सहायक अभियंताओं पर सदर विधायक अनुपमा जायसवाल की निजी सचिव स्मिता मौर्या ने धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया है। इन तीनों अभियंताओं ने सदर विधायक के मंत्रित्वकाल के लेटर पैड का इस्तेमाल तबादले के लिए सिफारिशी पत्र लिखने में किया। इसकी भनक लगते ही एसपी सुजाता सिंह को तहरीर दी गई। एसपी के निर्देश पर कोतवाली देहात में धोखाधड़ी की धाराओं में केस दर्ज कर लिया गया है। इसकी विवेचना उपनिरीक्षक वीरपाल सिंह को सौंपी गई है।
प्रदेश में 2017 में योगी आदित्यनाथ की सरकार में सदर विधायक अनुपमा जायसवाल बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार बनाई गई थीं। उस समय के उनके लेटर पैड का गलत उपयोग कर जल निगम के बलिया में तैनात दो व आज़मगढ़ में तैनात एक सहायक अभियंताओं ने धोखाधड़ी की। सदर विधायक की निजी सचिव स्मिता मौर्या के मुताबिक बलिया में जल निगम में तैनात सहायक अभियंता सिविल अभिषेक वर्मा ने लखनऊ, बलिया में ही तैनात सहायक अभियंता सिविल मनोज कुमार सिंह कुशवाहा ने देवरिया तथा आजमगढ़ में तैनात सहायक अभियंता अनुभव कुमार गुप्ता ने बलिया में स्थानान्तरण को उनके मंत्रित्वकाल के लेटर पैड पर जल निगम के प्रबन्ध निदेशक, मुख्यमंत्री व अन्य अधिकारियों को 14 जुलाई 2021 को पत्र लिखा, जबकि इस दौरान अनुपमा जायसवाल मंत्री ही नहीं थी, और न ही लेटर पैड पर सदर विधायक ने हस्ताक्षर किए थे।
इन तीनों सहायक अभियंताओं ने अपने निजी लाभ के लिए यह धोखाधड़ी की, जिसपर सदर विधायक ने निजी सचिव से कोतवाली देहात में तहरीर दाखिल करवाई। साथ ही उन्होंने मांग की कि इस प्रकरण की एसटीएफ से जांच कराई जाए, और दोषियों के विरुद्ध केस दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में कोई भी जन प्रतिनिधि के लेटर पैड का दुरुपयोग न कर सके। कोतवाल आरडी मौर्या ने बताया कि तीनों सहायक अभियंताओं के विरुद्ध धारा 419, 420, 467, 468 व 471 आईपीसी के तहत धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया गया है। जिसकी विवेचना उपनिरीक्षक वीरपाल सिंह कर रहे हैं।
मुकदमे की वादी अनुपमा जायसवाल की निजी सचिव स्मिता मौर्या ने बताया कि प्रदेश के अलग-अलग जिलों में तैनात तीन अफसरों की ओर से पूर्व मंत्री व बहराइच की सदर विधायक के नकली लेटर पैड का प्रयोग ट्रांसफर के सिलसिले में किया गया। मंत्री के पैड पर पेज की नम्बरिंग नहीं होती है, जबकि विधायक के पैड पर नम्बरिंग होती है। इन अफसरों की ओर से किसी मंत्री के पैड की नकल कर जालसाजी के आधार पर लेटर पैड तैयार कर अपराध को अंजाम दिया गया है। यह अफसर न तो बहराइच जिले में तैनात रहे हैं। न ही सदर विधायक अनुपमा जायसवाल इन्हें जानती हैं। ऐसे में विधायक को सचिवालय से इसकी जानकारी मिलने पर उनके निर्देश पर देहात कोतवाली में तीनों अफसरों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया गया है।

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