अजीत सिंह हत्याकांड में शामिल पूर्व सांसद धनंजय सिंह हुए भगोड़ा

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लखनऊ। चर्चित अजीत सिंह हत्याकांड मामले में फरार चल रहे पूर्व सांसद धनंजय सिंह के विरुद्ध सीजेएम रवि कुमार गुप्ता ने कुर्की की कार्रवाई से पहले की नोटिस जारी करने का आदेश दिया है। साथ ही उन्होंने धनंजय सिंह को भगोड़ा घोषित कर दिया है। उन्होंने यह आदेश विवेचक व थाना विभूतिखंड के इंसपेक्टर चंद्रशेखर सिंह की अर्जी पर दिया है। मामले की अगली सुनवाई 19 जुलाई को होगी।
अर्जी में कहा गया था कि अभियुक्त के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ था। इस पर 25 हजार का इनाम भी घोषित है। इसकी गिरफ्तारी के लिए कई बार दबिश दी गई। लेकिन यह बदस्तूर फरार चल रहा है और छिपकर कहीं रह रहा हैं। लिहाजा विवेचनात्मक कार्रवाई के लिए इसके खिलाफ कुर्की का नोटिस जारी करना आवश्यक है।
छह जनवरी, 2021 को लखनऊ में कठौता चैराहे पर अजीत सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। जिसकी एफआईआर मोहर सिंह ने थाना विभूतिखंड में दर्ज कराई थी। इस मामले में पुलिस ने ध्रुव सिंह उर्फ कुंटू, अखंड, संदीप उर्फ बाबा, मुस्तफा उर्फ बंटी, शिवेंद्र सिंह उर्फ अंकुर, बंधन सिंह, प्रिंस व रेहान जेल में है। इसके अलावा मुख्य शूटर गिरधारी पुलिस मुठभेड़ में मारा जा चुका है।
सात अप्रैल, 2021 को इस मामले में कुंटू, अखंड, संदीप उर्फ बाबा, मुस्तफा उर्फ बंटी, शिवेंद्र सिंह उर्फ अंकुर, बंधन सिंह, प्रिंस और रेहान के खिलाफ आईपीसी की धारा 302, 34, 212, 201, 307 व 120 बी के तहत आरोप पत्र दाखिल किया गया था। विवेचना के दौरान पुलिस ने इन अभियुक्तों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेजा था। विवेचना के दौरान ही इस मामले में धनंजय का नाम भी प्रकाश में आया। विवेचना अभी जारी है।
पांच मार्च, 2021 को धनंजय ने इस मामले में अपना नाम आने के बाद प्रयागराज के एमपी-एमएलए की विशेष अदालत में एक दूसरे मामले में आत्मसमर्पण कर दिया था। विशेष अदालत ने उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था। बावजूद इसके राजधानी पुलिस ने इस मामले में उसका वारंट बी हासिल नहीं किया। जिसके बाद धनंजय उस मामले में जमानत हासिल कर रिहा हो गया।

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