आजमगढ़ : अंतरिक्ष की ओट में छिप गया शहनाई का चांंद

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गमगीन माहौल में सुपुर्दे खाक किए गए शहनाई वादक छन्नू चांद
-वेदप्रकाश सिंह 'लल्ला'
आजमगढ़। जन्म एवं विवाह संस्कार रहा हो या फिर राष्ट्रभक्ति का माहौल हर जगह शहनाई पर सामयिक एवं सुरीली धुन की प्रस्तुति से लोगों के दिलों पर राज करने वाले जिले के सुविख्यात शहनाई वादक छन्नू चांद इस फानी दुनिया से रुखसत होकर जिले के संगीत प्रेमियों को रुला गए। शुक्रवार को उनके जनाजे में उमड़ी भीड़ उनकी लोकप्रियता खुद बयां कर रही थी। शहर के जमातुर्रशाद मदरसा स्थित कब्रिस्तान में उन्हें सुपुर्द ए खाक किया गया।
शहर के कोट बाजबहादुर मोहल्ले के निवासी रहे छन्नू चांद को बचपन से ही संगीत के प्रति गहरा लगाव रहा। शहनाई वादन की बारिकियां उन्होंने कुर्मीटोला निवासी उस्ताद रशीद अहमद से जरूर सीखा लेकिन उन्हें कभी अपना गुरु नहीं माना। अल्प समय तक शागिर्द बन कर उन्होंने विख्यात नाल (ढोलक) वादक के साथ अपना ग्रुप बनाकर पेशेवर शहनाई वादक बन लोगों के दिलोंं पर राज करने लगे। आधुनिकता के दौर में युवाओं के मनपसंद फिल्मी गीतों की धुन बजाकर वह बच्चे और बूढ़ों को भी थिरकने के लिए मजबूर कर देते थे। धीरे धीरे वह संगीत प्रेमियों के दिलोंं पर राज करने लगे। उनकी लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वादन के क्षेत्र में वह पूर्वांचल के सबसे मंहगे फनकार बन बैठे। शादी-विवाह जैसे शुभ अवसरों पर उनकी बुकिंग के लिए होड़ मच जाती थी। क्लासिकल, फिल्मी और भोजपुरी गीतों की धुनों पर उनकी मजबूत पकड़ ने उन्हें सफलता के शीर्ष मुकाम तक पहुंचाया। विदाई या फिर राष्ट्रभक्ति की धुन बजाकर वह हर किसी को भाव विह्वल कर देने के साथ ही रोने को मजबूर कर देते थे। जनपद में शहनाई वादकों में सुपर हीरो का खिताब हासिल कर चुका यह अल्हड़ कलाकार गुरुवार को अंतिम सांस लेते हुए सदा-सदा के लिए सभी से दूर चला गया। सोशल मीडिया के माध्यम से उनके निधन का कष्टदायी समाचार जिले के तमाम संगीत प्रेमियों को झकझोर गया। दिवंगत फनकार को 'यूथ इंडिया टाइम्स' परिवार का आखिरी सलाम।

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