प्रदेश के सात लाख किसानों से वसूली जायेगी किसान निधि

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किसान सम्मान निधि योजना में अधिकारियों की घोर लापरवाही आई सामने 

लखनऊ। उप्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की किसान सम्मान निधि योजना में अधिकारियों की घोर लापरवाही सामने आई है. पीएम किसान सम्मान निधि के तहत उत्तर प्रदेश में ऐसे सात लाख से ज्यादा किसानों को धनराशि दी गई है जो कि योजना के हकदार नहीं हैं. इन किसानों में लाखों की संख्या में ऐसे किसान हैं जो इनकम टैक्स देते हैं और हजारों ऐसे किसान भी हैं जो जिंदा ही नहीं हैं. मामले का खुलासा होने पर सरकार अब ऐसे सभी किसानों से पीएम किसान सम्मान निधि की धनराशि वसूल करेगी.

उत्तर प्रदेश में पीएम किसान सम्मान निधि में चौकानें वाला खुलासा हुआ है. प्रदेश में 7 लाख से ज्यादा ऐसे किसानों को योजना का फायदा हुआ है, जो कि पीएम किसान सम्मान निधि की योजना के अंतर्गत नहीं आते हैं. सरकार ने पीएम किसान सम्मान निधि के लाभार्थियों का सत्यापन कराया था. जिसमे साल 2020-21 के पांच प्रतिशत और 2021-22 के दस प्रतिशत निधि लाभार्थियों का सत्यापन कराया था. 

पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ लघु व सीमांत किसानों को दिया जाता है. लेकिन निधि का फायदा उन सात लाख से ज्यादा किसानों को हुआ जो कि लघु या सीमांत किसान नहीं हैं. सत्यापन में सामने आया है कि इन सात लाख किसानों में से 2,34,010 किसान आयकर अदा करते हैं. इतना ही नहीं 32,300 मृतक किसानों को भी निधि का फायदा पहुंचा है. 3,86,000 किसान ऐसे हैं जिन्होंने गलत खाते और फर्जी आधार पर योजना का लाभ लिया. वहीं 57,900 किसानों को अन्य कारणों से अपात्र माना गया. अब सरकार इन किसानों से निधि की धनराशि वसूल करेगी.

इस मामले पर कृषि निदेशक विवेक सिंह का कहना है कि पीएम किसान सम्मान निधि के तहत जिन अपात्र किसानों को धनराशि दी गई है उनसे रिकवरी की जाएगी. सभी जिलों के उप कृषि निदेशकों को वसूली के निर्देश दे दिए गए हैं. वसूली के बाद आने वाली धनराशि को खाते में जमा किया जाएगा. आपको बता दे कि पीएम किसान सम्मान निधि के तहत लघु व सीमांत किसानों को हर चार महीने में दो हजार रुपये दिए जाते हैं।

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