आजमगढ़: पीएम आवास की दूसरी किस्त की आस में गरीब खुले आसमान के नीचे प्लास्टिक डालकर रहने को मजबूर

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-रवि प्रकाश सिंह
आजमगढ़। नगर पचायत फूलपुर में प्रधानमंत्री आवास के नाम पर गरीब पात्र व्यक्तियों को आवास के नाम पर जबरन धन उगाही का मामला प्रकाश में आया है। जहां पात्रांे का शोषण हो रहा और आपात्रांे के आवास बनकर तैयार हो गए। ग्रामीण अंचल में प्रधानमंत्री आवास के लिए ब्लाक से धन आवंटन की संस्तुति की जाती है। शहरी क्षेत्र में नगर पचायत में गरीब आवेदन पात्र जमा करते हैं या आनलाइन आवेदन करने के बाद जिला डूडा कार्यालय से जांच के बाद गरीब पात्रांे के खाते में धन आवंटित किया जाता है। वर्ष 2020-21 में प्रधानमंत्री आवास के पात्र के रूप में पाँचू पुत्र रामचन्दर बिन्द का चयन हुआ था और पात्र के यूबीआई शाखा फूलपुर के खाते में प्रथम किस्त के रूप में पचास हजार रुपया मिला था। पैसा मिलने के बाद पाँचू ने जर्जर पुराने घर को गिरा नई नींव डाल दिया और सोचा जल्दी कार्य हो जाने पर पैसा भी मिल जाएगा और बारिश से पहले आवास बन जायेगा, परन्तु पचास हजार प्राप्त के बाद दलाल या कर्मचारी को सुविधा शुल्क के नाम पर एक पैसा न मिलने के कारण दो माह बीत जाने के बाद भी जीवो टैग नहीं हो सका और दूसरी किस्त नहीं मिली। गरीब परिवार खुले आसमान के नीचे प्लास्टिक की त्रिपाल के सहारे रहने पर है मजबूर है। वह डूडा अधिकारी व नगर पंचायत कार्यालय का चक्कर लगा लगा थक चुका है। 
इसी प्रकार इसी चंदशेखर वार्ड की निवासिनी विधवा झीना पत्नी राम सूरत जो आवास की पात्र थी। दूसरी किस्त के लिए बीस हजार सुविधा शुल्क देने के बाद आवास बन सका। पात्र झीना के पुत्र राकेश ने बताया कि डूडा कर्मचारी को बीस हजार मैं अपने हाथ से दिया तब जाकर पैसा आया। इसी प्रकार दिब्याग अरबिंद कुमाए बिन्द पुत्र दसल्लु, बादामा पत्नी दसल्लु, अनीस पुत्र मुमताज, कलाम पुत्र मुमताज ने बताया कि दलालों को मुर्गा मिट खिलाया लेकिन एडवांस पैसा नहीं दिया तो आवास पास नहीं हुआ। 
इस सम्बंध में अधिशासी अधिकारी सम्पूर्णानांन्द तिवारी से पूछने पर बताया गया कि समस्त प्रक्रिया जिला डूडा कार्यालय से होती है। मात्र हमंे निवासी का प्रमाण पत्र देना होता है। पैसा लेने की बात मेरे सज्ञान में नहीं है। पांचू का जीयो टैग नहीं हुआ है। जीयो टैग के बाद पैसा आएगा।

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