जिला पंचायत सदस्यों के खिलाफ न दर्ज हो फर्जी मुकदमे लखनऊ। उत्तर प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग ने जिला पंचायत सदस्यों के खिलाफ हो रही कार्रवाई की मिल रही शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए स्पष्ट तौर पर निर्देश दिया है कि किसी भी जिला पंचायत सदस्य के खिलाफ न फर्जी मुकदमा दर्ज किया जाए और न ही उसे गिरफ्तार किया जाए। गिरफ्तारी की वजह से अगर कोई सदस्य अपने मताधिकार से वंचित होता है तो आयोग संबंधित अधिकारी के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करेगा। दरअसल, समाजवादी पार्टी सहित अन्य विपक्षी दल, जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव के मद्देनजर जिला पंचायत सदस्यों को सरकार के इशारे पर हर तरह से परेशान करने का आरोप अधिकारियों पर लगा रहे हैं। इस संबंध में राज्य निर्वाचन आयोगमें शिकायत भी दर्ज कराई गई है। एटा से संबंधित शिकायत पर आयोग ने वहां के जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया है कि स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव के लिए जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव होने तक किसी भी नवनिर्वाचित सदस्य के विरुद्ध फर्जी मुकदमे न दर्ज किए जाएं। मुकदमा दर्ज होने पर भी उसे गिरफ्तार न किया जाए, ताकि उसके द्वारा अपने मताधिकार का प्रयोग किया जा सके। राज्य निर्वाचन आयोग ने अफसरों को हिदायत दी है कि इस तरह की कार्यवाही से यदि किसी सदस्य को मत देने से वंचित किया जाता है तो संबंधित के विरुद्ध प्रतिकूल दृष्टिकोण अपनाते हुए कड़ी कार्रवाई की जाएगी।