सीएम योगी के चार फर्जी OSD गिरफ़्तार

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अफसरों को उनके खिलाफ फर्जी जांच का आदेश होने की बात कहकर करते थे वसूली

लखनऊ। मुख्यमंत्री का विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) बनकर प्रदेश के कई अफसरों को फोन कर धमकाने और वसूली करने वाले सचिवालय के निलम्बित समीक्षा अधिकारी अतुल शर्मा उर्फ मनोज सिंह समेत चार लोगों को एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया। ये लोग अलग-अलग नाम से अफसरों को उनके खिलाफ फर्जी जांच का आदेश होने की बात कहकर वसूली करते थे।
एसटीएफ ने दावा किया है कि गिरोह ने अब तक दो करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी की है। आरोपी अतुल शर्मा इस तरह की ठगी कर वर्ष 2007 और 2010 में भी जेल जा चुका है। तब से वह निलम्बित चल रहा है और उसकी बर्खास्तगी की कार्यवाही भी चल रही है।
प्रदेश के तीन-चार अफसरों द्वारा जब इस बारे में शासन में बताया तो अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश को जांच सौपी।
इसके बाद ही एसटीएफ की टीम ने शुक्रवार को इन चारों को सचिवालय के पास से गिरफ्तार कर लिया। एडीजी अमिताभ यश के मुताबिक पकड़े गये आरोपियों में खुर्रमनगर निवासी अतुल शर्मा, मैनपुरी निवासी प्रमोद दुबे उर्फ दयाशंकर सिंह उर्फ संतोष कुमार, राजाजीपुरम निवासी प्रदीप कुमार श्रीवास्तव और बाजारखाला निवासी राधेश्याम कश्यप शामिल हैं।
इस गिरोह ने बरेली के फरीदपुर स्थित डायट के प्राचार्य मुन्ने अली से एक लाख रुपये की मांग की थी। एटा के जेलर कुलदीप सिंह भदौरिया को मुख्यमंत्री का ओएसडी बनकर फोन किया और जांच के नाम पर डराया। इस मामले में एटा में आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई।
जेल से छूटने के बाद फिर ठगी -एसटीएफ के इंस्पेक्टर ज्ञानेन्द्र राय ने बताया कि अतुल शर्मा सचिवालय के न्याय विभाग में सहायक समीक्षा अधिकारी था। वर्ष 2007 और वर्ष 2010 में सरकारी अधिकारियों को जांच के नाम पर वसूली करने के आरोप में पकड़ा गया था। उसे निलम्बित कर जेल भेज दिया गया था।
जेल से छूटने के बाद वह फिर से ठगी करने लगा। धमकाने के दौरान जो अफसर या कर्मचारी झांसे में आ जाता था, उसे ये लोग सचिवालय के पास बुलाते थे। फिर अतुल वहां नहीं रहता था और वह अपने दो साथियों प्रदीप व राधेश्याम को उनके पास रुपये लेने के लिये भेजता था। ये लोग फर्जी जांच का आदेश भी अपने पास रखते थे। वर्ष 2007 में जेल जाने के बाद जब ये छूटे तो वर्ष 2010 में चित्रकूट के तत्कालीन डिप्टी एसपी अखिलेश्वर पाण्डेय को इसी तरह धमकाकर रुपयों की मांग की थी।
दो करोड़ रुपये की ठगी कर चुके-एडीजी अमिताभ यश ने बताया कि आरोपी ने अब तक दो करोड़ रुपये की ठगी करने की बात कही है। उसने कई अफसरों को धमका कर वसूली करने की बात कुबूली है। इस बारे में सच्चाई का पता लगाया जा रहा है।
ये हुई बरामदगी-14 मोबाइल, 22 सिमकार्ड, कई आधार व वोटर कार्ड, पैन कार्ड, एटीएम कार्ड, परिवारीजनों के खातों में जमा 15 लाख रुपये की पर्चियां, सहायक समीक्षा अधिकारी का परिचय पत्र, कई सरकारी विभागों के अफसरों के नाम व पद की सूची। एक रजिस्टर जिसमें सरकारी अधिकारियों के नाम, पदनाम, मोबाइल नम्बर व फर्जी जांच का ब्योरा लिखा था। एक कार, बाइक व 15 हजार रुपये।






आप समझिये, मुख्यमंत्री बहुत नाराज हैं....मैं देखता हूं
अतुल के साथी प्रमोद दया शंकर सिंह ने एटा के जेलर कुलदीप सिंह भदौरिया को फोन कर कहा कि वह मुख्यमंत्री आवास से बोल रहे हैं। आपके खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच का आदेश हुआ है। मुख्यमंत्री बहुत नाराज हैं। एसीएस इस पर सुबह आदेश विजिलेंस को भिजवा देंगे। प्रमोद और एटा के जेलर के बीच बातचीत के कुछ अंश निम्न हैं।



दया-भदौरिया जी बोल रहें हैं
जेलर- हां बोल रहा हूं
दया-मैं मुख्यमंत्री आवास से बोल रहा हूं, भदौरिया जी आप कितने साल से एटा में तैनात हैं
जेलर-चार साल से तैनात हूं
दया-आप से कुछ लोग नाराज है, शिकायत हुई है
जेलर-मैंने कुछ ऐसा किया ही नहीं
दया-मुख्यमंत्री जी बहुत नाराज है, अभी मीटिंग कर आये हैं
जेलर-किसी ने फर्जी शिकायत कर दी है
दया-आप हल्के में ले रहे हैं। आईएएस व आईपीएस बच नहीं पा रहे हैं। जांच के आदेश हो गये हैं
जेलर-मेरे बारे में यहां के किसी अफसर से पूछ लीजिये, सभी तारीफ करेंगे
दया-आप समझ ही नहीं रहे भदौरिया जी, आप सत्यता बताइये
जेलर-मेरे बारे में विधायक व सांसद से पूछ लीजिये
दया-आप समझ ही नहीं रहे, मुख्यमंत्री किसी की नहीं सुनते
जेलर-क्या करना होगा मुझे
दया-मैंने तो कुछ करने को कहा ही नहीं
जेलर- बचाईये मुझे किसी तरह
दया-अभी मुख्यमंत्री मीटिंग ले रहे हैं, मैं अभी बात करता हूं, आप 10 मिनट में फोन करिये
जेलर-ठीक नमस्कार

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