एक और भाजपा विधायक की कोरोना से हुई मौत

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रायबरेली। कोरोना संक्रमण के चलते एक और भाजपा विधायक की इलाज के दौरान मौत हो गई। रायबरेली के सलोन से भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री दल बहादुरी कोरी का शुक्रवार को लखनऊ के अपोलो अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। कोरोना संक्रमण के चलते पिछले दिनों उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। विधायक के निधन की खबर से क्षेत्र में गम का माहौल है। इससे पहले भी कई विधायक और मंत्री की कोरोना के चलते मौत हो चुकी है। यही नहीं कोरोना ने अब तक कई अफसरों को भी छीन लिया है। पंचायत चुनाव के दौरान ड्यूटी में लगे करीब 700 शिक्षकों की भी कोरोना से मौत हो चुकी है। आपको बता दें कि कोरोना संक्रमण की दूसरी खतरनाक लहर में अब तक यूपी विधानसभा के चार सदस्य हमेशा के लिए बिछुड़ गए। पहले रमेश चंद्र दिवाकर, फिर सुरेश श्रीवास्तव, केसर सिंह और अब दल बहादुर कोरी। एक हफ्ते में तीन सदस्य दिवंगत हुए थे। अब तक छह विधायकों की कोरोना से जान जा चुकी है। कोरोना की पहली लहर में पिछले साल दो मंत्री चेतन चौहान व वरुण रानी भी दिवंगत हो गए थे। यूपी की 17वीं विधानसभा में अब तक एक दर्जन विधायकों की मृत्यु हो चुकी है।
17 वीं विधानसभा के यह सदस्य हो गए दिवंगत -कमल रानी घाटमपुर(कानपुर शहर), चेतन चौहान नौगाँव सादात (अमरोहा), जगन प्रसाद गर्ग आगरा, जन्‍मेजय सिंह देवरिया, पारस नाथ यादव मल्हनी(जौनपुर)मथुरा प्रसाद पाल सिकन्दरा (कानपुर देहात),रमेश चन्‍द्र दिवाकर(औरैया),रामकुमार वर्मा पटेल निघासन(खीरी) लोकेन्‍द्र सिंह नूरपुर(बिजनौर)वीरेन्‍द्र सिंह सिरोही (बुलंदशहर) सुरेश कुमार श्रीवास्तव लखनऊ व केसर सिंह बरेली।
रिक्त सीट पर उपचुनाव होना मुश्किल -यूपी विधानसभा में अब 4 सीट रिक्त हैं लेकिन इन पर उपचुनाव करा पाना मुश्किल होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि वर्तमान में कोरोना संक्रमण अभी काफी बढ़ा हुआ है। चूंकि अगले साल फरवरी में 18वीं विधानसभा के लिए आम चुनाव होना है, जिसमें 9 महीने ही बचे हैं। ऐसे में उपचुनाव के आसार काफी कम ही हैं। वैसे नियमानुसार सीट रिक्त होने के छह महीने में ही चुनाव कराने का नियम है। चुनाव कराने या न कराने का निर्णय चुनाव आयोग को ही करना है।

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