आजमगढ़: दुकान बंद कराने को लेकर पुलिस दुकानदार आमने-सामने

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दुकानदारों ने लगाया आरोप फल लेकर पैसा नहीं देते हैं सिपाही, करते हैं वसूली
लाकडाउन के नाम पर गरीब जनता को परेशान कर रहा है प्रशासन-पंकज मोहन सोनकर
आरोप निराधार, लाकडाउन में पुलिस ईमानदारी से निभा रही अपनी ड्यूटी-प्रभारी निरीक्षक थाना सिधारी
आजमगढ़। सिधारी थाना क्षेत्र के नरौली तिरंगा चौराहा पर आज करीब 11 बजे माहौल उस समय काफी गरम हो गया जब फल की दुकान लगाये दुकानदारों पर पुलिस द्वारा लाठियों से पीटा जाने लगा। दुकानदारों ने आरोप लगाया कि वे लोग लाकडाउन के नियमों का पालन करते हुए 11 बजे अपनी दुकान बंद कर रहे थे इस दौरान ड्यूटी पर तैनात सिपाही द्वारा उन्हें भद्दी-भद्दी गालियां देते हुए लाठी से मारना शुरू कर दिया। दुकानदारों ने गाली देने की बात पर खेद व्यक्त करते हुए आरोप लगाया कि ड्यूटी पर तैनात सिपाही द्वारा उनसे फल लेकर पैसा नहीं दिया जाता है उल्टे उनसे ही वसूली की जाती है। दुकानदारों को इकट्ठा होते देख पुलिस द्वारा थाने पर सूचना दी गयी। मौके पर दो गाड़ियों में काफी मात्रा में पुलिस पहुंची लेकिन तब तक दुकानदार दुकान बंद कर अपने-अपने घरों को जा चुके थे। 

इस दौरान सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे कांग्रेस के पूर्व नेता पंकज मोहन सोनकर ने बताया कि आये दिन पुलिस द्वारा ठेला लगाकर फल व सब्जी बेचने वालों को परेशान करने की शिकायत मिलती रहती है। इस बावत मेरे द्वारा उच्च अधिकारियों से बात भी की गयी है। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस लाकडाउन के नाम फल, सब्जी बेचने वालों को प्रताड़ित कर रही है। फल, सब्जी बेचने वाले लोग लाकडाउन का पालन करते हुए अपना काम कर रहे हैं। पुलिस प्रशासन का काम भीड़ को कन्ट्रोल करना है लेकिन पुलिस प्रशासन द्वारा रोजमर्रा का जीवन जीने वाले दुकानदारों को प्रताड़ित किया जा रहा है। 
इस बावत प्रभारी निरीक्षक थाना सिधारी धर्मेन्द्र कुमार पाण्डेय द्वारा बात करने पर उन्होंने बताया कि दुकानदारों द्वारा लगाया गया आरोप निराधार है। कोरोना काल में पुलिस ईमानदारी से अपनी ड्यूटी कर रही है। पुलिस द्वारा लाकडाउन का पालन कराते हुए समय से दुकानें बंद करवायी जा रहा थी। इस दौरान पुलिस द्वारा किसी के साथ कोई अभद्रता नहीं की गई।

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