जिन्दगी की जंग हार गये पुलवामा आतंकी हमले में घायल सीआरपीएफ जवान अजय कुमार तिवारी

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रिपोर्ट: अशोक जायसवाल
बलिया। पुलवामा आतंकी हमले में घायल सीआरपीएफ जवान अजय कुमार तिवारी जिन्दगी की जंग हार गए। दिल्ली स्थित पर्क अस्पताल में उन्होंने अन्तिम सांस ली। गांव में इसकी खबर पहुंचते ही वहां सियापा छा गया। गुरुवार को जवान का शव पैतृक गांव पहुंचते ही भारी संख्या में लोग भारत माता के इस लाल का अंतिम दर्शन के लिए उनके घर पहुंच गए। पूरा वातावरण अजय अमर रहे के नारों से गुंजायमान हो गया। 
जानकारी के अनुसार हल्दी थाना क्षेत्र के बगही गांव निवासी अजय कुमार तिवारी पुत्र स्व. बिंदेश्वरी तिवारी सीआरपीएफ में सब इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत तथा वर्तमान समय में पुलवामा में तैनात थे। पिछले 26 नवंबर 2020 को आतंकी हमले में अजय गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इलाज के दौरान वह एक सप्ताह बाद ही कोमा में चले गए थे। ब्रेन का ऑपरेशन के बाद चिकित्सकों ने उन्हें पुलवामा से दिल्ली रेफर कर दिया। मंगलवार को पर्क अस्पताल में भारत माता का यह लाल जिंदगी की जंग हार गया। गुरुवार को उनका पार्थिव शरीर हवाई जहाज से वाराणसी पहुंचा। जहां पहड़िया स्थित सीआरपीएफ 95 बटालियन के जवान सड़क मार्ग से उनका पार्थिव शरीर लेकर उनके पैतृक गांव पहुंचे। उनका अंतिम दर्शन के दौरान पत्नी निशा, पुत्री अंजली, पुत्र मोहित व अंकुश का रोते-रोते बुरा हाल था। गंगा नदी के हुकुम छपरा घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया। अपने साथी को गार्ड आफ ऑनर देकर सीआरपीएफ जवानों ने उन्हें अंतिम विदाई दी। इस मौके पर सीआरपीएफ के असिस्टेंट कमांडेंट ज्ञानरंजन, एसआई बीके शर्मा, हवलदार अभिमन्यु व राकेश कुमार, पूर्व ग्राम प्रधान संजय कुमार ओझा, समाजसेवी नितेश कुमार सिंह, अवधेश मिश्रा, गोपाल जी गुप्ता, विजय तिवारी, मुन्ना मिश्रा, समेत सैकड़ों ग्रामीण मौजूद रहे।

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