आजमगढ़: प्रशासनिक उत्पीड़न के विरोध में बंद रहे प्रतिष्ठान

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एसडीएम सदर व सीओ सिटी के खिलाफ दिखे व्यापारियों के बगावती तेवर
-वेदप्रकाश सिंह ‘लल्ला’
आजमगढ़। कोविड-19 के नियमों का अनुपालन कराने के लिए मंगलवार को सड़क पर उतरे प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा नगर के प्रतिष्ठित सर्राफा व्यवसायी की दुकान में घुसकर उनके साथ की गई अभद्रता एवं विरोध करने पर व्यापारियों पर किए गए लाठीचार्ज का असर बुधवार को जनपद में देखने को मिला। 

व्यापारियों के साथ बदसलूकी करने वाले एसडीएम सदर व सीओ सिटी के कृत्य से आक्रोशित व्यापारियों ने बुधवार को अपने-अपने प्रतिष्ठान बंद कर विरोध जताया। नगर क्षेत्र में इक्का-दुक्का दुकानों को छोड़ पूरा बाजार बंद रहा। सड़कों पर चहल-पहल तो दिखी लेकिन प्रतिष्ठानों पर ताले लटके हुए थे। 

व्यवसाय बंद कर व्यापार से जुड़े लोग मंगलवार को हुई घटना के प्रति चर्चा में मशगूल दिखे। हर कोई मास्क चेकिंग के नाम पर किए गए प्रशासनिक उत्पीड़न के विरोध में खड़ा नजर आया। व्यापारियों का कहना है कि भाजपा के शासनकाल में व्यापारियों के साथ हो रहे उत्पीड़न का जवाब भी समय आने पर सरकार को दिया जाएगा। निरंकुश हो चुके प्रशासन को संभालने की जिम्मेदारी शासन की है। 

मंगलवार को शहर कोतवाली का घेराव कर रहे व्यापारियों पर पुलिस अचानक हमलावर हो गई। सुलह समझौते के प्रयास में जुटे समाजसेवी संगठनों व राजनैतिक दलों के लोगों को भी नहीं बख्शा गया। पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज ने अंग्रेजी शासन काल की यादें ताजा कर दी। वहीं इस घटना के विरोध में सत्ताधारी दल के लोग चुप्पी साधे रहे। ऐसे माहौल में भाजपा नेताओं की चुप्पी का परिणाम आने वाला समय बताएगा। 

जिला मुख्यालय पर प्रशासनिक उत्पीड़न के विरोध में अभूतपूर्व बंदी का दृश्य नजर आया। सड़कों के फुटपाथ पर छोटे दुकानदार तो नजर आए लेकिन ग्राहक नदारद थे। शहर से सटे सिधारी कस्बे में भी घटना के विरोध में बाजार पूरी तरह बंद रहा। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में भी प्रशासन की इस घृणित कार्रवाई की आंच नजर आई। ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोग अपने-अपने स्तर से मंगलवार को व्यापारियों के साथ हुई कार्रवाई का विरोध करते नजर आए।











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