आज़मगढ़ : पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने बयान की पुलिस के बर्बरता की कहानी

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जियाउद्दीन के शरीर पर मिले 8 से अधिक चोट के निशान
आज़मगढ़। अधिकारियों की ओर से हार्ट अटैक को कारण बताने के बीच पुलिस हिरासत में मृत जियाउद्दीन की पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने पुलिस बर्बरता को बेनकाब कर दिया है। खबर यह है कि उसके शरीर पर चोट के आठ से ज्यादा निशान पाए गए हैं। इस बीच जियाउद्दीन के शरीर के विभिन्न हिस्सों की जो फोटो परिवारीजनों ने उपलब्ध कराई है, उसने पुलिस के बेइंतहा जुल्म को सामने ला दिया है। हालांकि इस बारे में स्वास्थ्य विभाग से लेकर पुलिस अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं। चोटों के बारे में बात करने के बजाय सबका यही कहना है कि मौत होने का कारण स्पष्ट नहीं है। विसरा को जांच के लिए सुरक्षित कर दिया है। प्रशासन के इसी रवैये के चलते अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग तेजी से उठी है।
जैतपुर थाना क्षेत्र में हुई लूट के मामले में वांछित एक बदमाश के बारे में पता लगाने के लिए आजमगढ़ जनपद के पवई थाना क्षेत्र निवासी जियाउद्दीन (36) को जिले की स्वाट टीम ने 24 मार्च की शाम आजमगढ़ जनपद क्षेत्र से उठा लिया था। इसके बाद जियाउद्दीन की 25 मार्च की आधी रात के बाद जिला अस्पताल में पुलिस की ओर से भर्ती कराने के थोड़ी देर बाद ही मौत हो गई थी। परिवारीजनों ने पुलिस कर्मियों पर टार्चर करने तथा पीट-पीटकर जान लेने का आरोप लगाया था।
परिवार का यही आरोप भी था कि जियाउद्दीन से सामान्य पूछताछ के बजाय उसकी निर्मम पिटाई की गई है। सूत्रों का कहना है कि पोस्टमार्टम में जियाउद्दीन के शरीर पर चोट के जो आठ से ज्यादा निशान पाए गए हैं, वह अलग-अलग हिस्सों में है। जाहिर तौर पर यह निशान सामान्य नहीं हैं। चोट के इतने ज्यादा निशान निश्चित रूप से परिवारीजनों द्वारा पुलिस पर लगाए गए बर्बरता के आरोपों को बल दे रहे हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि सभी संबंधित पुलिस कर्मियों की मुश्किलें आने वाले दिनों में और ज्यादा बढ़ सकती हैं। कारण यह कि यह मामला लगातार तूल पकड़ रहा है और मामले में मानवाधिकार आयोग से लेकर अल्पसंख्यक आयोग तक दखल दे सकता है। उधर, इन सब के बावजूद चोटों को लेकर पुलिस व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी सीधे तौर पर बात करने को तैयार नहीं हैं।

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