आजमगढ़: पुण्यतिथि पर साहित्य प्रेमियों ने आयोध्या सिंह उपाध्याय हरिऔध को किया याद

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रिपोर्ट - रमेश यादव
आजमगढ़। निजामाबाद कस्बे में पुण्यतिथि पर साहित्य प्रेमियों ने कवि सम्राट अयोध्या सिंह उपाध्याय हरिऔध की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और हिन्दी के विकास में उनके योगदान को याद किया। अपने सम्बोधन में भाजपा नेता सन्तोष कुमार गोंड ने कहाकि हरिऔध जी ने हिन्दी भाषा के विकास में बहुत काम किया। हरिऔध जी का मानना था कि स्वतंत्रता अपनी भाषा और वाणी के अभाव में पराश्रमित बनी रहेगी। इस सोच का नेतृत्व अयोध्या सिंह उपाध्याय हरिऔध, आचार्य चंद्रबली पाण्डेय, सेठ गोविंद दास, परुषोत्तम दास टंडन आदि और स्वयं महात्मा गांधी कर रहे थे। इसके अलावा हरिऔध जी राजनीतिक आंदोलन से हटकर हिन्दी के अंदर जन ग्राह्यता का वह रूप देना चाहते थे जिससे हिन्दी स्वयं ही सर्वजन, सर्वदेश स्वीकार हो जाये। 
भारतीय पत्रकार संघ के जिलाध्यक्ष बीरेंद्रनाथ मिश्रा ने कहाकि भाषा के संवर्धन और शब्द-समृद्ध की दृष्टि से हरिऔध जी कृति रसकलस का महत्व है। भाषा के विकास की दृष्टि से रसकलस अन्यतम ग्रंथ है। हिन्दी साहित्य को विश्व मे समृद्ध करने वाले सुप्रसिद्ध कवियों में हरिऔध जी का नाम लिया जाता है। इस अवसर पर गगन कश्यप, राकेश पाठक, सुधीर पाठक, जितेंद्र सिंह, अरशद जमाल, लवकुश गोंड, दीपक, नन्दलाल सिंह, महेंद्र, राहुल आदि लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम के संयोजक डॉ. शाहनवाज खान ने सभी के प्रति आभार प्रकट किया।

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