नीट की परीक्षा पास कराने वाले गिरोह का भंडाफोड़, 3 गिरफ्तार

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26 लाख छात्रों के डाटा बरामद, अब तक कर चुके हैं 15 करोड़ की ठगी

लखनऊ। प्रदेश पुलिस के स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने एमबीबीएस व मेडिकल पीजी के पाठ्यक्रमों में दाखिला दिलाने का लालच देकर ठगी करने वाले गिरोह भंडाफोड़ करते हुए सरगना सौरभ गुप्ता समेत तीन अभियुक्तों को शनिवार को लखनऊ से गिरफ्तार किया। यह गिरोह अब तक लगभग 15 करोड़ रुपये की ठगी कर चुका है। इसके विरुद्ध लखनऊ समेत देश के कई शहरों में मुकदमे दर्ज हैं। गिरोह के पास से नीट परीक्षा देने वाले लगभग 26 लाख छात्रों का अनाधिकृत डाटा भी बरामद हुआ है।
गिरोह के सरगना सौरभ गुप्ता ने राईज ग्रुप प्राइवेट लिमिटेड के नाम से एक कपंनी बना रखी है, जिसका वह निदेशक है। उसने लखनऊ में 3/171 विजयंत खंड (गोमतीनगर) में अपना कार्यालय बना रखा है। एसटीएफ और विभूति खंड थाने की पुलिस ने इसी कार्यालय पर छापा मारकर सौरभ गुप्ता के साथ ही उसकी कंपनी के जीएम विकास सोनी तथा यूनिवर्सल कंसल्टिंग सर्विसेज के निदेशक डॉ. अजिताभ मिश्रा को गिरफ्तार किया।
कार्यालय से तीन लैपटॉप, 30 मोबाइल फोन, दो हार्ड डिस्क, एक डोंगल, एक रुपये गिनने की मशीन, एक कंप्यूटर व प्रिंटर, पांच पेन ड्राइव, 25 डायरी (इसमें छात्रों से की गई ठगी का हिसाब है), 13 एटीएम कार्ड, 16 चेकबुक, पांच पैनकार्ड, एक पासपोर्ट, दो आधार कार्ड, एक मीडिया पहचान पत्र, आठ मोहरें, पांच पासबुक, तीन बिल बुक, नौ भरी हुई चेक, 26 स्टाम्प पेपर, 75 शैक्षिक दस्तावेजों की प्रतियां, 32 सीवी डेटा आफर एप्वाईंटमेंट फाइल, तीन पेज फीस चार्ट एमबीबीएस व पीजी, सात सिम कार्ड, लगभग 26 लाख छात्रों का अनाधिकृत डाटा, 19700 रुपये नकद तथा दो एसयूवी कारें(यूपी 32 जेई 8300 महिन्द्रा स्कोर्पियो व यूपी 32 ईजे 5706 टोयटा इनोवा) बरामद हुई हैं।
इस गिरोह का नेटवर्क यूपी के अलावा दिल्ली, बिहार, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र व मध्य प्रदेश आदि राज्यों मे फैला हुआ है। गिरफ्तार अभियुक्तों की अन्य अपराधिक गतिविधियों के संबंध में जानकारी जुटाई जा रही है। प्राप्त डेटा का फारेंसिक आडिट कराया जाएगा। इसकी भी जांच की जाएगी कि गिरोह का अभ्यर्थियों का डाटा कहां से प्राप्त हुआ? बैंकों से एकाउंट डिटेल प्राप्त करके कुल धोखााधड़ी के संबंध में भी जानकारी की जा रही है। वैसे अब तक इस गैंग द्वारा लगभग 15 करोड की ठगी की जा चुकी है। गिरोह का सरगना मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर का रहने वाला है।
लखनऊ में वह चिनहट इलाके की स्वप्नलोक कॉलोनी में रहता था। अन्य दोनों अभियुक्तों में से विकास सोनी मूल रूप से दिल्ली का रहने वाला है, जबकि डॉ. अजिताभ मिश्र अमेठी जिले का रहने वाला है। तीनों को विभूति खंड में आईपीसी की धारा 420, 409, 467, 468, 471 व 504 तथा आईटी एक्ट की धारा 66 के तहत दर्ज मुकदमे में जेल भेज दिया गया है।

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