आजमगढ़ : आरके आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज में 15 दिवसीय ट्रांजिशनल करिकुलम कार्यक्रम के तहत विशेष सत्र आयोजित

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आयुर्वेद और ज्योतिष दोनों ही वेदों की शाखाएँ और एक-दूसरे के पूरक : प्रो. प्रभुनाथ सिंह मयंक
आजमगढ़। आरके आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल सठियाँव, आजमगढ़ के सेमिनार हॉल में मिनिस्ट्री ऑफ आयुष के निर्देशानुसार चल रहे 15 दिवसीय ट्रांजिशनल करिकुलम कार्यक्रम के अंतर्गत सोमवार को विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता के रूप में दयानंद स्नातकोत्तर महाविद्यालय, आजमगढ़ के पूर्व विभागाध्यक्ष (हिंदी) प्रोफेसर प्रभुनाथ सिंह मयंक ने “आयुर्वेद में ज्योतिष शास्त्र का महत्व” विषय पर गहन एवं रोचक व्याख्यान प्रस्तुत किया। प्रो. मयंक ने अपने व्याख्यान में पंचमहाभूत, 12 राशियों, सप्त धातुओं तथा ग्रह-नक्षत्रों के मानव जीवन और स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव को विस्तार से समझाया। उन्होंने बताया कि आयुर्वेद और ज्योतिष दोनों ही वेदों की शाखाएँ हैं और एक-दूसरे के पूरक हैं। ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति से रोग निदान, औषधि चयन और चिकित्सा समय का निर्धारण करने की प्राचीन परंपरा पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम की शुरुआत मंचासीन अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन एवं भगवान धन्वंतरि को पुष्पांजलि अर्पित कर की गई। संस्थान के चेयरमैन डॉ. प्रेम प्रकाश यादव ने प्रो. प्रभुनाथ सिंह मयंक का अंगवस्त्रम, स्मृति चिन्ह एवं पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत-सत्कार किया। धन्यवाद ज्ञापन संस्थान के प्राचार्य डॉ. केदारनाथ यादव ने किया। इस अवसर पर प्रशासनिक अधिकारी डॉ. प्रभात कुमार द्विवेदी, डॉ. अमित प्रजापति, डॉ. नेहा यादव, डॉ. डीडी सिंह, डॉ. अवधेश यादव, डॉ. सौरभ यादव, डॉ. नमीसा जायसवाल सहित कॉलेज के समस्त शिक्षक, कर्मचारी एवं छात्र-छात्राएँ बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

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