नि:शुल्क शिक्षा का उल्लंघन, अवकाश में भी धांधली
आजमगढ़। सरदहा बाजार स्थित श्रीमती परमादेवी जायसवाल बालिका जूनियर हाईस्कूल की कार्यवाहक प्रधानाध्यापिका पूनम शाही को फीस की अनियमित वसूली और मध्याह्न भोजन योजना (एमडीएम) में बड़े पैमाने पर खाद्यान्न व धन की गड़बड़ी के आरोप साबित होने पर निलंबित कर दिया गया है। बेसिक शिक्षा विभाग ने इसे गंभीर वित्तीय अनियमितता माना है।
जांच में कोविड काल में मिले 27.26 क्विंटल गेहूं व 54.13 क्विंटल चावल (प्राथमिक स्तर) तथा 19.28 क्विंटल गेहूं व 38.57 क्विंटल चावल (उच्च प्राथमिक स्तर) के विपरीत उपभोग रिपोर्ट में कम मात्रा दिखाई गई। कुल 86.30 क्विंटल खाद्यान्न का अभाव पाया गया। साथ ही कनवर्जन मनी में 2 लाख 69 हजार रुपये से अधिक की गड़बड़ी दर्ज की गई। छात्र उपस्थिति व एमडीएम पंजिका में भारी अंतर मिला। प्राथमिक स्तर पर 2873 और उच्च प्राथमिक स्तर पर 332 अतिरिक्त भोजनकर्ता दिखाए गए। रविवार (1 अक्टूबर 2023) और ईद-उल-फितर (23 अप्रैल 2023) जैसे अवकाश के दिन भी एमडीएम वितरण दर्ज किया गया।
मार्च 2024 में वार्षिक परीक्षा के नाम पर छात्राओं से फीस वसूली की गई, जो निशुल्क शिक्षा अधिनियम का स्पष्ट उल्लंघन है। छात्राओं ने जांच टीम को इसकी पुष्टि की। अध्यापक उपस्थिति पंजिका में ऑफलाइन अवकाश आवेदन मिले, जबकि स्वीकृति मानव संपदा पोर्टल से होनी चाहिए। दिसंबर 2020 के बाद स्कूल प्रबंधन समिति की एक भी बैठक नहीं हुई। खंड शिक्षा अधिकारी महाराजगंज ने 9 मार्च 2024 को निरीक्षण किया था। सहायक शिक्षा निदेशक बेसिक के निर्देश पर गठित तीन सदस्यीय टीम ने 18 मई 2024 को जांच की। निरीक्षण के दिन नामांकन 130 के सापेक्ष मात्र 44 छात्राएं और जूनियर स्तर पर 45 में से 22 ही उपस्थित मिलीं। निलंबन अवधि में पूनम शाही को जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा, बशर्ते वे किसी व्यापारिक गतिविधि में संलिप्त न हों। उन्हें रोजाना उपस्थिति श्रीमती तपेश्वरी देवी जायसवाल इंटर कॉलेज, सरदहा में दर्ज करानी होगी।
“एमडीएम में अनियमितता की त्रिस्तरीय जांच में सभी आरोप सिद्ध हुए। इसे गंभीर लापरवाही और वित्तीय गड़बड़ी माना गया है।” - मनोज मिश्रा, एडी बेसिक, आजमगढ़ मंडल।


