आजमगढ़ में 11 किसानों पर लगा 17500 रुपये का जुर्माना

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डीएम के सख्त निर्देश के बाद हुई कार्रवाई, कम्बाइन चलाने पर मशीन भी होगी सीज
आजमगढ़। पराली जलाने की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए जिलाधिकारी ने सख्त निर्देश जारी किए हैं। अब बिना पराली प्रबंधन यंत्र (सुपर सीडर/हैप्पी सीडर आदि) लगाए कम्बाइन हार्वेस्टर चलाते पाए जाने पर मशीन को तत्काल सीज कर दिया जाएगा। खरीफ 2025 मौसम में अब तक जिले में पराली जलाने के 11 मामलों में राजस्व विभाग ने कार्रवाई की है। दोषी किसानों पर कुल 17,500 रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इनमें कृषक भानी पुत्र रामदेव, जितेन्द्र पुत्र रामदेव, जयराम पुत्र राघुपति, अशोक कुमार पुत्र राधेश्याम, वीपूल ओझा पुत्र अवध कुमार सहित अन्य किसान शामिल हैं। उप कृषि निदेशक आशीष कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) के अनुसार फसल अवशेष जलाना पूरी तरह प्रतिबंधित है। इसके उल्लंघन पर विधिक कार्रवाई अनिवार्य है। प्रदूषण रोकथाम के लिए जिला स्तर पर विशेष सेल गठित की गई है। जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि प्रत्येक ग्राम प्रधान व क्षेत्रीय लेखपाल अपने क्षेत्र में पराली जलने की एक भी घटना न होने दें। यदि ऐसा हुआ तो उनके विरुद्ध भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जिलाधिकारी ने किसानों से अपील की है कि कृषि विभाग के अधिकारियों से संपर्क कर पराली का वैज्ञानिक प्रबंधन करें। वेस्ट डी-कम्पोजर की मदद से कम्पोस्ट खाद बनाएं या पराली को निराश्रित गोशालाओं में भेजकर पशुओं के लिए चारा उपलब्ध कराएं। पिछले तीन वर्षों में पराली जलने की घटनाएं दर्ज क्षेत्रों में प्राथमिकता के आधार पर जागरूकता प्रचार वाहन चलाए जा रहे हैं। कोई भी किसान पराली प्रबंधन संबंधी जानकारी या शिकायत के लिए कंट्रोल रूम नंबर 9454417172 पर संपर्क कर सकता है।

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