मुजफ्फरनगर। योगी सरकार ने भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों में जानसठ के उपजिलाधिकारी (एसडीएम) जयेंद्र सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने नियमों को ताक पर रखकर सरकारी भूमि को संक्रमणीय भूमिधर घोषित कर वादी को अनुचित लाभ पहुंचाया। निलंबन अवधि में उन्हें राजस्व परिषद कार्यालय से संबद्ध किया गया है। मामले की जांच बरेली के मंडलायुक्त को सौंपी गई है। नियुक्ति विभाग ने गुरुवार को निलंबन आदेश जारी किया। यह कार्रवाई सहारनपुर मंडलायुक्त की रिपोर्ट के आधार पर की गई, जिसमें मुजफ्फरनगर के जिलाधिकारी की जांच में जयेंद्र सिंह को प्रथमदृष्टया दोषी पाया गया।
मामला जानसठ तहसील के इसहाकवाला गांव से जुड़ा है, जहां डेरावाल कोऑपरेटिव फार्मिंग सोसायटी की 473 बीघा सहित कुल 743 बीघा जमीन पर अमृतपाल बनाम सरकार वाद चल रहा था। आरोप है कि उपजिलाधिकारी ने नियमों का उल्लंघन करते हुए जमीन के स्वामित्व का आदेश अमृतपाल सिंह के पक्ष में जारी किया। इसकी शिकायत दूसरे पक्ष ने जिलाधिकारी से की, जिसके बाद स्थानीय जांच हुई और सहारनपुर मंडलायुक्त ने शासन को अपनी संस्तुति के साथ रिपोर्ट भेजी।
शासन ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जयेंद्र सिंह के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू की है। जांच के नतीजों के आधार पर आगे की कार्रवाई तय होगी।



