नए कानूनों से समाज में भ्रम और विभाजन बढ़ेगा, वोट की खोज में हो रही धार्मिक स्थलों की राजनीति : इसरार अहमद
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के हवाले से निजामाबाद की सड़क न बनने के रहस्य से उठाया पर्दा
आजमगढ़। समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व ब्लाक प्रमुख इसरार अहमद ने शुक्रवार को रानी की सराय स्थित अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत में योगी सरकार की बुलडोजर कार्रवाई पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में धार्मिक स्थलों के नाम पर वोट की राजनीति की जा रही है। इसरार ने बुलडोजर कार्रवाई को संविधान और कानून के दायरे में होने की वकालत की, लेकिन इसे लोकतंत्र और न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन बताया।
इसरार अहमद ने कहा कि अवैध निर्माण या अपराध के खिलाफ कार्रवाई गलत नहीं है, लेकिन यह संवैधानिक ढांचे के भीतर होनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार मस्जिदों के अंदर मंदिर खोजने के बजाय वोट खोज रही है। उन्होंने कहा, जाति और धर्म के आधार पर जनता को परेशान किया जा रहा है ताकि राजनीतिक लाभ लिया जा सके। सपा नेता ने राहुल गांधी और अखिलेश यादव को पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) की सच्ची आवाज बताते हुए कहा कि विपक्ष का काम गलत को गलत कहना है।
इसरार ने भाजपा सरकार के तीन नए कानूनों की आलोचना करते हुए कहा कि ये किसी वर्ग को लाभ नहीं देंगे, बल्कि समाज में भ्रम और विभाजन को बढ़ावा देंगे। उन्होंने कहा कि सरकार केवल अपनी सही छवि बनाने में लगी है। निजामाबाद में सपा सांसद और विधायक के लापता पोस्टरों पर उन्होंने कहा कि सड़कें बनवाना सरकार और प्रशासन का काम है, न कि सांसद-विधायक का। उन्होंने पोस्टर लगाकर बदनाम करने को गलत ठहराया और कहा कि जनता को सीधे सवाल पूछने चाहिए। इसरार ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के हवाले से बताया कि सांसद दरोगा सरोज द्वारा उठाए गए सड़क के मुद्दे पर गडकरी ने स्पष्ट किया कि बिना पार्टी नेतृत्व और जिलाधिकारी की मंजूरी के कोई काम नहीं हो सकता। सपा नेता ने चेतावनी दी कि मौजूदा समय में देश में वोट काटने और बांटने की राजनीति चरम पर है। उन्होंने कहा कि छोटे-छोटे मुद्दों को उठाकर जनता का ध्यान भटकाने और समाज को बांटने का प्रयास किया जा रहा है, जबकि जनता केवल अपनी बुनियादी जरूरतों पर ध्यान देना चाहती है।





