अंततः अर्चना तिवारी नेपाल सीमा से बरामद, 12 दिन बाद मिली सफलता

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ट्रेन से रहस्यमय तरीके से हुई थीं लापता
सीसीटीवी और मोबाइल लोकेशन से मिले सुराग
भोपाल। मध्य प्रदेश के कटनी जिले की रहने वाली 29 वर्षीय अर्चना तिवारी, जो इंदौर में सिविल जज की तैयारी कर रही थीं, 7 अगस्त को इंदौर-बिलासपुर नर्मदा एक्सप्रेस ट्रेन के एसी कोच से रहस्यमय तरीके से लापता हो गई थीं। भोपाल जीआरपी के एसपी राहुल कुमार लोढ़ा ने बताया कि अर्चना को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में नेपाल सीमा के पास से बरामद किया गया है। पुलिस की एक टीम उन्हें लेकर भोपाल लौट रही है, जहां उनके बयान दर्ज किए जाएंगे।
पुलिस ने अर्चना की तलाश में 12 दिनों तक व्यापक अभियान चलाया, जिसमें जंगलों में सर्च ऑपरेशन, सीसीटीवी फुटेज की जांच, और मोबाइल लोकेशन ट्रेसिंग शामिल थी। अर्चना का बैग उमरिया स्टेशन पर मिला था, और उनकी आखिरी बार परिवार से बात भोपाल के पास ट्रेन में होने के दौरान हुई थी। जांच के दौरान ग्वालियर के एक आरक्षक राम तोमर से सुराग मिले, जिन्होंने अपनी आईडी से अर्चना का टिकट बुक किया था। मंगलवार को अर्चना के मुंह बोले भाई अंशु मिश्रा ने दावा किया कि अर्चना ने अपनी मां से फोन पर बात की और वह सुरक्षित है। पुलिस अब अर्चना के बयानों के आधार पर आगे की कार्रवाई करेगी।

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