स्वास्थ्य विभाग के बाबू व रिटायर्डकर्मी की मिलीभगत से करोड़ों का खेल
मण्डलायुक्त ने जांच के लिए गठित की तीन सदस्यीय टीम
आजमगढ़। जनपद के स्वास्थ्य विभाग के मुखिया डॉ. अशोक कुमार पर सत्ताधारी पार्टी के नेताओं ने भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के गोरखपुर क्षेत्र श्रम प्रकोष्ठ के क्षेत्रीय संयोजक रमाकांत मिश्रा ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. अशोक कुमार पर 65 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की आउटसोर्सिंग के माध्यम से नियुक्ति में अनियमितता का आरोप लगाया है। शिकायती पत्र में दावा किया गया है कि सीएमओ ने स्वास्थ्य विभाग के एक बाबू और एक रिटायर्ड स्वास्थ्यकर्मी के साथ मिलकर ब्लैकलिस्टेड फर्म के माध्यम से नियम-विरुद्ध भर्तियां कीं, जिसमें कथित तौर पर करोड़ों रुपये का लेन-देन हुआ। आरोपों के मुताबिक, भर्ती प्रक्रिया में न तो साक्षात्कार आयोजित किए गए और न ही सेवायोजन कार्यालय से नाम लिए गए। शिकायत में यह भी कहा गया है कि केन्द्रीय विद्यालय रोड से पहले से चयनित लोगों को निजी वाहनों में लखनऊ ले जाकर नौकरी दी गई, जिसमें करोड़ों रुपये का खेल खेला गया।
भाजपा नेता की शिकायत के बाद मंडलायुक्त ने मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम का गठन किया है। इस टीम में अपर आयुक्त (न्यायायिक) आजमगढ़ मंडल, संयुक्त निदेशक कोषागार एवं पेंशन आजमगढ़ मंडल जगत नारायण झा, और अपर निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण आजमगढ़ मंडल शामिल हैं। जगत नारायण झा ने बताया, "मामले की जांच चल रही है, जिसमें अपर आयुक्त न्यायायिक और अपर निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण शामिल हैं। जांच प्रक्रिया अभी चल रही है, इसलिए इस पर टिप्पणी करना उचित नहीं होगा। जल्द ही जांच अपने नतीजे पर पहुंचेगी।"
सूत्रों के अनुसार, भाजपा जिलाध्यक्ष की शिकायत की जांच लगभग पूरी होने वाली है। जांच में सीएमओ और डिप्टी सीएमओ पर गंभीर आरोपों की पुष्टि होने की संभावना है। इसके अलावा, एक अन्य जांच में भी सीएमओ पर करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार के आरोप हैं। चूंकि डॉ. अशोक कुमार आठ दिन बाद प्रशासनिक पद से सेवानिवृत्त होने वाले हैं, ऐसे में यह जांच उनके लिए मुश्किल खड़ी कर सकती है।



