आजमगढ़ में खराब सड़क को लेकर दर्जन भर गांव के ग्रामीणों ने किया हंगामा, नेशनल हाइवे 2.30 घंटे तक रहा जाम

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सिकंदरपुर-नरियाव मार्ग की बदहाली पर ग्रामीणों का आक्रोश, धरने से हाईवे जाम तक पहुंचा आंदोलन
उपजिलाधिकारी के आश्वासन पर खत्म हुआ जाम, 30 सितंबर से सड़क निर्माण का वादा
रिपोर्ट : दुर्गेश यादव गदनपुर
आजमगढ़। अतरौलिया के सिकंदरपुर-नरियाव मार्ग की दयनीय स्थिति से तंग आकर मंगलवार सुबह 11 बजे कनैला चौराहे पर एकत्रित हुए ग्रामीणों ने सिकंदरपुर चौराहे तक पदयात्रा निकाली, जो बाद में धरने में बदल गई। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि पिछले 10 वर्षों से यह मार्ग जर्जर है, जिससे वाहन चलाना तो दूर, पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। कई बार शासन-प्रशासन से मरम्मत की मांग के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई।
आक्रोशित ग्रामीणों ने सिकंदरपुर चौराहे पर जाम लगाकर प्रशासन को दोपहर 1 बजे तक का अल्टीमेटम दिया। समयसीमा बीतने पर कोई अधिकारी नहीं पहुंचा, तो ग्रामीणों ने नेशनल हाइवे 233 को जाम कर दिया। हाईवे जाम होने से प्रशासन में हड़कंप मच गया और आंदोलनकारियों को मनाने की कोशिश शुरू हुई। सूचना पर पहुंचीं उपजिलाधिकारी बूढ़नपुर नंदिनी शाह ने किसानों से बातचीत की, लेकिन ग्रामीण सड़क निर्माण की निश्चित समयसीमा पर अड़े रहे। अंततः नंदिनी शाह ने जिला अधिकारी आजमगढ़ से फोन पर वार्ता कर ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि 30 सितंबर से मार्ग का निर्माण शुरू हो जाएगा। इस आश्वासन के बाद किसानों ने हाईवे जाम समाप्त किया। ग्रामीणों का कहना है कि यह मार्ग आजमगढ़ से अंबेडकर नगर, संत कबीर नगर, गोरखपुर, बस्ती होते हुए नेपाल बॉर्डर तक जाता है और इस पर दर्जनभर से अधिक स्कूल-कॉलेज, बालिका विद्यालय, राजकीय पॉलिटेक्निक और डिग्री कॉलेज हैं। इसके बावजूद मार्ग की उपेक्षा की जा रही है।

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