आजमगढ़: शव दफनाने को लेकर दो समुदाय आमने-सामने

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उपजिलाधिकारी और पुलिस ने मौके पर पहुंचकर कराया मामला शांत
दो दिन में कागजात जांच के बाद होगा अंतिम निर्णय
रिपोर्ट : आरपी सिंह
आजमगढ़। जनपद के फूलपुर तहसील के नेवादा शेखवलिया गांव में बुधवार रात कब्रिस्तान में शव दफनाने को लेकर दो समुदायों के बीच तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई। सूचना मिलते ही उपजिलाधिकारी (एसडीएम), क्षेत्राधिकारी (सीओ) और कोतवाल भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। दोनों पक्षों के साथ बातचीत के बाद स्थिति को नियंत्रित किया गया, और रात करीब 11 बजे मृतिका का शव कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया गया।
जानकारी के अनुसार, गांव के मुजम्मिल की पत्नी का बुधवार दोपहर लगभग 4 बजे निधन हो गया था। परिजन गांव के कब्रिस्तान में शव दफनाने के लिए कब्र खोद रहे थे, तभी दूसरे पक्ष के लोगों को इसकी जानकारी हुई। वे मौके पर पहुंचे और कब्र खोदने का विरोध करते हुए दावा किया कि यह भूमि "झाड़ी" के नाम से दर्ज है और विवादित है। वहीं, मुस्लिम पक्ष के नसीम अहमद ने तर्क दिया कि इस भूमि पर शव दफनाने का अधिकार है, क्योंकि 1940 और 1967 में मुंसिफ हवेली का फैसला इसकी अनुमति देता है।
विवाद की सूचना पर एसडीएम संत रंजन, सीओ अनिल वर्मा और कोतवाल सच्चिदानंद मौके पर पहुंचे। उन्होंने दोनों पक्षों से बातचीत की और मामले को शांत कराया। दोनों पक्षों ने लिखित सहमति दी कि दो दिन के भीतर अपने कागजात तहसील मुख्यालय में प्रस्तुत करेंगे। कागजात की जांच के बाद गुण-दोष के आधार पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। कई घंटों तक चले इस विवाद के बाद देर रात शव को कब्र में दफन किया गया।
एसडीएम संत रंजन ने बताया कि स्थिति अब पूरी तरह सामान्य है और दोनों पक्षों की सहमति से मामला सुलझाया गया है। इस दौरान भारी पुलिस बल तैनात रहा, जिससे किसी भी अप्रिय स्थिति को रोका जा सके।

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