पुलिस की इस करतूत से इंसानियत हुई शर्मसार
महोबा। यूपी पुलिस के सिपाही एक बार फिर करतूत सामने आई है। इस बार सिपाही की हरकत ने इंसानियत को ही शर्मसार करके रख दिया है। दरअसल वारदात के बाद गंभीर रूप से भाजयुमो नगर अध्यक्ष जिंदगी-मौत की जंग लड़ रहा था। इसी दौरान पीआरवी कर्मी पहुंचे, लेकिन सिपाहियों ने उसे बचाया नहीं, बल्कि एक सिपाही ने उसके जेवर ही उतार लिए। इसके कारण भाजयुमो देरी से अस्पताल पहुंचा और उसकी मौत हो गई। हत्याकांड का खुलासा होने के बाद पुलिस ने आरोपी पीआरवी कर्मी से सख्ती से पूछताछ की तो उसने सच्चाई उगल दी। चुराए गए जेवर बरामद करने के बाद सिपाही समेत तीन के खिलाफ चोरी की एफआईआर दर्ज करते हुए जेल भेज दिया गया। 25 वर्षीय सचिन पाठक सोमवार रात दोस्त मोहित को बाइक से महोबा छोड़कर घर लौट रहा था। रास्ते में सड़क किनारे वह घायल अवस्था में राहगीरों को पड़ा मिला। सूचना पर पहुंची पीआरवी ने उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। भाजयुमो नेता की हत्या के बाद में कार्यकर्ताओं ने कार्रवाई की मांग उठाते हुए धरना-प्रदर्शन किया। जिले के प्रभारी मंत्री, विधायक, पूर्व सांसद आदि के हस्तक्षेप पर पुलिस ने लूट और हत्या की रिपोर्ट दर्ज करते हुए छानबीन शुरू की। एसपी ने खुलासे के लिए चार टीमें गठित कीं। छानबीन में पता चला कि पीआरवी वाहन में गए सिपाही नीलकमल ने दो साथियों के साथ सचिन को अस्पताल पहुंचाने से पहले उसकी सोने की चेन, चार अंगूठियां, 11 हजार रुपये और दो मोबाइल चुरा लिए।
जांच के बाद मामला खुला तो पुलिस ने सख्ती की और पूछताछ के बाद नीलकमल राय, साथी उमेशचंद्र गुप्ता निवासी मगरियापुरा और जवाहर पाटकार निवासी जुगियानापुरा के कब्जे से सारा माल बरामद कर लिया। पुलिस अब फोन कॉल के बाद पीआरवी के घटनास्थल तक पहुंचने और वापस आने के समय की जांच कर रही है। उधर, सचिन के परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने उसे अस्पताल पहुंचाने में देरी की, वरना उसकी जान बचाई जा सकती थी। कोतवाली प्रभारी निरीक्षक के मुताबिक जांच के आधार पर कार्रवाई की जा रही है। पुलिस अधीक्षक पलाश बंसल का कहना है कि पुलिस सभी पहलुओं पर गंभीरता से जांच कर रही है। जो भी तथ्य सामने आएंगे, उनके हिसाब से कार्रवाई होगी।