शांति समिति की बैठकों में भी माहौल नहीं भांप सके अफसर
खुफिया तंत्र भी नहीं कर सका लोगों के दिल में भरे गुबार का आकलन, नतीजा...
बरेली। बरेली के संवेदनशील जोगी नवादा मोहल्ले में अशांति की चिंगारी सुलगती रही, पर पुलिस इसे भांपने में नाकाम रही। शांति समिति की बैठकों के नाम पर रस्म अदायगी की जाती रही। लोगों के दिल में भरे गुबार का आकलन खुफिया तंत्र भी नहीं कर सका। यहां मामूली चिंगारी से ही माहौल भड़क सकता था, गनीमत रही जो बवाल टल गया। चार दिन पहले बारादरी थाने में शांति समिति की बैठक की गई थी। इसमें अंजुमन जुलूस के आयोजकों के साथ ही दोनों पक्षों के संभ्रांत लोगों को बुलाया गया था। दोनों ओर से सहयोग का आश्वासन दिया गया, पर पुलिस माहौल नहीं भांप सकी। इसका नतीजा रविवार को हंगामे के रूप में देखने को मिला। दोनों ओर से लोग नारेबाजी कर पुलिस-प्रशासन पर कटाक्ष कर रहे थे। पुलिस को लोगों की धक्कामुक्की के साथ पानी की बौछार भी झेलनी पड़ी पर बल प्रयोग से पुलिस बचती रही। सुबह तक लोगों का गुस्सा और जोश दोनों ठंडे पड़ गए और वह घरों को चले गए। जोगी नवादा और उससे जुड़ी चक महमूद बस्ती में रविवार शाम से शुरू हुआ हंगामा पूरी रात जारी रहा। यह स्थिति अनायास ही नहीं बनी। दोनों पक्ष में शामिल कुछ खुराफाती तत्व काफी समय से ऐसे माहौल का इंतजार कर रहे थे। पिछले साल कांवड़ यात्रा के दौरान ऐसे ही लोगों ने हवाई फायरिंग कर माहौल बिगाड़ा था। इसके बाद कई बार दोनों पक्षों में तनातनी हो चुकी है। ईद मिलादुन्नबी जुलूस को लेकर रविवार रातभर दोनों पक्ष आमने सामने रहे। सुबह तक धार्मिक नारे गूंजते रहे। सोमवार को फिर ऐसी ही कोशिश हुई पर कारगर न हो सकी। दोनों ओर माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है। इस बार ईद मिलादुन्नबी का मुख्य जुलूस शांतिपूर्वक निकल गया, लेकिन जोगी नवादा में अंजुमनों के रास्ते को लेकर पेच फंस गया। मौर्य गली से चार अंजुमनों का जुलूस निकलकर मुख्य जुलूस में शामिल होना था, लेकिन सारी कवायद धरी रह गई। मौर्य गली के लोगों ने इस पर ऐतराज जता दिया। रविवार शाम से ही दोनों ओर भीड़ जमा हो गई। पुलिस कभी एक तो कभी दूसरे पक्ष को समझाती रही। पूरी रात दोनों ओर से शक्ति प्रदर्शन होता रहा, लेकिन सुबह छह बजे तक नतीजा नहीं निकला। एसपी सिटी राहुल भाटी ने बताया कि दोनों पक्षों के अपने तर्क है। रविवार को अंजुमन जुलूस निकालने से रोका गया। दूसरे पक्ष का कहना है कि जुलूस निकालने से पहले दूसरा पक्ष लिखित आश्वासन दें कि वह भी उनको कांवड़ नहीं रोकेगा। मौके पर शांति बनी हुई है। एहतियात के तौर पर पुलिस तैनात है।