नवरात्र के नवों दिन विशेष महत्व के होते हैं-विजय बहादुर सिंह, संस्थापक
आजमगढ़। जहानागंज क्षेत्र के धनहुंआ स्थित एसकेडी विद्या मन्दिर में मंगलवार को नवरात्र महोत्सव मनाया गया। महामाया के आठवें स्वरूप महागौरी की विधिवत पूजा के साथ साथ नवदुर्गा की भव्य झांकी निकाली गयी जो काफी आकर्षक लग रही थी। आगामी रामनवमी पर्व के उपलक्ष्य में भवगान श्रीराम के बालक स्वरूप में सजे बच्चे को देखकर लोग मंत्रमुग्ध हो जा रहे थे। कार्यक्रम की शुरूआत विद्यालय के संस्थापक विजय बहादुर सिंह द्वारा मां सरस्वती एवं नव देवियों की पूजन अर्चन एवं आरती से हुई। इसके पश्चात विद्यालय की बालिकाओं द्वारा मां दुर्गा की स्तुति करते हुए भक्ति संगीत एवं मोहक नृत्य प्रस्तुत किया गया। नवदुर्गा के रूप में सजी दिव्यांशी, आयुषी, आराध्या, परी, अंशिका, आस्था, अदिति आदि बच्चियांें का प्रदर्शन देखते ही बन रहा था। आयुषी यादव की प्रस्तुति जय जय हे महिषासुर मर्दिनि लोगों को खुब भाया। अपने वक्तव्य में संस्थापक विजय बहादुर सिंह ने कहा कि नवरात्र के नवों दिन विशेष महत्व के होते हैं। मां के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री से लेकर नवें स्वरूप सिद्धिदात्री के पूजन अर्चन का विधान ऐसे समय में बनाया गया है जो दो ऋतुओं का संधिकाल होता है। ऐसे में पूजा उपवास आदि के माध्यम से ब्रह्माण्डीय ऊर्जा को अपने अंदर समाहित किया जाता है। रामनवमी के पावन पर्व पर श्री सिंह ने कहा कि भगवान राम की पूरी जीवन गाथा लोगों के लिए प्रेरणास्रोत है। आज पूरा विश्व प्रभु श्रीराम द्वारा स्थापित आदर्शों को स्वीकार कर रहा है। पूजा अर्चन के पश्चात विद्यालय के अध्यापक/अध्यापिकाओं द्वारा कन्याभोज संपन्न कराया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रधानाचार्य रामजी चौहान, संतोष, दिनेश, रूबी, वर्तिका, रेनू , सुरभि आदि का योगदान सराहनीय रहा।